सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस श्री मार्कंडेय काटजू ने भारतीय न्‍याय व्‍यवस्‍था के एक और करप्‍शन के मामले पर से पर्दा उठा दिया है. जस्टिस काटजू ने कहा कि उन्‍होंने करप्‍ट जज के बारे में जस्टिस कपाडि़या को सूचना दी लेकिन उन्‍होंने कोई कदम नही उठाया.


इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज पर आरोपजस्टिस काटजू ने अपने ब्लॉग पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज को भ्रष्ट्राचार में लिप्त पाया था. यह जज अपने तीन एजेंटों के जरिए करप्शन के पैसे लेते थे. अपनी जांच में जस्टिस काटजू ने इलाहाबाद हाईकोर्ट जज के तीनों एजेंटों के नंबरों को हासिल किया और जस्टिस कपाडि़यां को सौंपा. इसके साथ ही उन्होंने जस्टिस कपाडि़या को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज का फोन टेप कराने,इंटेलीजेंस एजेंसी से जांच कराने की संस्तुति की. रिपोर्ट सबमिट करने के दो महीने बाद जस्टिस कपाडि़या ने कहा कि इन नंबरों को टेप कराने से इलाहाबाद हाईकोर्ट जज आरोपी सिद्ध हुए मांगने चाहिए थे इस्तीफे
जस्टिस काटजू ने लिखा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के जजों के खिलाफ मामले पाए जाने पर जस्टिस कपाडि़या को इन जजों से इस्तीफे मांग लेने चाहिए थे. इसके बाद उन पर महाभियोग की प्रक्रिया चलाई जा सकती थी लेकिन जस्टिस कपाडि़याने ऐसस नही किया. राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का डर


जस्टिस काटजू ने लिखा है कि जब वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस थे तब वह दिल्ली आकर तत्कालीन जस्टिस आर सी लाहोटी से मिले थे. इस मुलाकात में लोहाटी को पांच भ्रष्ट जजों के नाम दिए. इसके बाद जस्टिस लाहोटी ने उनसे पूछा कि क्या करना चाहिए. इसके जवाब में जस्टिस काटजू ने कहा कि ऐसे जजों को हाईकोर्ट में घुसने नही देना चाहिए. इस पर जस्टिस लाहोटी ने कहा कि ऐसा करने से पॉलिटिकल इंटरफेरेंस बढ़ जाएगा और वह राष्ट्रीय न्यायिक आयोग बना देंगें. इससे ज्यूडिशियरी भी बदनाम होगी.

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Posted By: Prabha Punj Mishra