- बच्चों के फेवर में धमकाए जा रहे हैं सेल के अधिकारी

- मोबाइल से संपर्क बनाए हुए हैं बच्चों से गैंगस्टर

- नोएडा से फरार हुए बच्चों से भी हैं कई लोगों को खतरा

Meerut : जुवेनाइल सेल पर अब बड़े-बड़े गैंग की नजर है। ये गैंग और कोई नहीं बल्कि उधम सिंह, योगेश भदौड़ा और बदन सिंह बद्दो के गैंग हैं। अपने गैंग में शामिल करने के लिए इन बच्चों को पूरा संरक्षण देने के साथ इनके परिवार की भी मदद की जा रही है। वहीं सेल के अधिकारियों को इन बच्चों को कुछ न कहने और बात मानने के लिए गैंग के लोगों के धमकी भरे फोन भी आ रहे हैं। ऐसे में सभी कर्मचारियों और अधिकारियों में काफी भय है।

संपर्क में हैं गैंग

उधम सिंह, भदौड़ा और बदन सिंह बद्दो तीनों ही बड़े बदमाशों के गैंग में लोगों की संख्या में काफी गिरावट आई है। ऐसे में अपने-अपने गैंग में लोगों की संख्या बढ़ाने के लिए जुवेनाइल सेल में मौजूद बच्चों के संपर्क में है। बकायदा इन बच्चों की गैंग से जुड़े सक्रिय लोगों से लगातार फोन पर बात भी हो रही है। सेल से निकलने के बाद वो उनके गैंग को ज्वाइन कर सकें।

धमकाए जा रहे हैं अधिकारी

इन बच्चों को कोई तकलीफ न हो और कोई परेशानी न आए इस बात का भी पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है। अगर कोई अधिकारी और कर्मचारी बच्चों को कुछ कहने और हड़काने की कोशिश करता है तो उसी दिन बदमाशों के फोन उन अधिकारियों और कर्मचारियों के पास आ जाते हैं। जुवेनाइल सेल से जुड़े एक कर्मचारी ने बताया कि कई बदमाशों के धमकी भरे फोन आ चुके हैं। कभी कोई बद्दो का नाम लेता है तो कोई उधम सिंह का।

उन 12 से भी है डर

सेल के कर्मचारियों और अधिकारियों को सिर्फ मेरठ में मौजूद बच्चों से ही डर नहीं है। बल्कि नोएडा जुवेनाइल सेल से फरार हुए बच्चों से काफी भय बना हुआ है। क्योंकि वो कभी उन पर आकर हमला कर सकते हैं। इस बात भी संभावना बनी हुई है कि फरार बच्चे दोनों कुख्यात गैंग से भी जुड़ सकते हैं। ऐसे में वो और भी खतरनाक हो जाएंगे। कर्मचारियों और अधिकारियों का डर पूरी तरह से सही भी है। अगर इनका जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो ये आगे और भी खतरनाक हो सकते हैं।

36 भेजे डिस्ट्रिक्ट जेल

पिछले छह माह में करीब तीन दर्जन बच्चों जिनकी उम्र 18 साल या उनसे अधिक हो चुकी है उन्हें डिस्ट्रिक्ट जेल भेजा जा चुका है। डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर पुष्पेंद्र सिंह की मानें तो उन्होंने फरवरी माह से अभी 36 बच्चों को डिस्ट्रिक्ट जेल मे शिफ्ट करा दिया है, क्योंकि उनकी एज ज्यादा हो गई थी। सजा बाकी होने के कारण उन्हें डिस्ट्रिक्ट जेल भेज दिया गया।

कुछ ऐसा है डर का आलम

जुवेनाइल सेल में बच्चों का टेरर इतना है कि कोई भी यहां पर ड्यूटी करना नहीं चाहता है। अधिकारियों के अनुसार जब 90 बच्चे फरार हुए थे तो कई कर्मचारियों को हटाया गया था, जिसके बाद 12 कर्मचारियों को ट्रांसफर मेरठ बुलाया गया था, लेकिन उन 12 में से आज तक किसी ने भी ज्वाइन नहीं किया। न ही अब यहां कोई आने को तैयार है।

लगातार कम होता स्टाफ

जुवेनाइल सेल से लगातार स्टाफ के कम होने से भी परेशानियां बढ़ रही है। बुलंदशहर में जब बच्चों को शिफ्ट किया गया था तो 4 कर्मचारी यहीं से भेजे गए थे। अब नोएडा में बच्चों को शिफ्ट किया गया तो यहीं से ही 12 कर्मचारियों का ट्रांसफर नोएडा कर दिया गया था। मौजूदा समय में मेरठ के पास काफी कम स्टाफ है।

कई पोस्ट हैं खाली

पद मौजूद होने चाहिए

असिस्टेंट सुप्रीडेंटेंट 1 1

साइकोलॉजिस्ट 0 1

टीचर 0 2

नर्स 0 1

डॉक्टर 0 1

केयरटेकर 2 7

पियोन 2 2

रसोईया 1 1

सफाईकर्मी 1 1

हम अपनी ओर से पूरा प्रयास करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रशासनिक लेवल पर भी हमें काफी मदद मिल रही है। जब पूरी तरह से बच्चे शांत नहीं हो जाते तब कोई एक्टिविटी भी कराना काफी मुश्किल है।

- पुष्पेंद्र सिंह, डिस्ट्रिक्ट प्रोबेशन ऑफिसर, मेरठ

Posted By: Inextlive