-सीएम अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारों से गूंजा संप्रेक्षण गृह

-भाजपा और लक्ष्मीकांत बाजपेयी पर निशाना, मुर्दाबाद के नारे

Meerut : एकदोतीनचार, अखिलेश यादव की जय-जयकार, अखिलेश भइया जिंदाबाद-जिंदाबाद। आतंक की यह पौध को सत्ता के रसूख से बखूबी वाकिफ है। तीन मंजिला छत पर चढ़े यह बाल बंदी, तेज आवाज डीजे के साथ सपा और अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे जबकि इसके निशाने पर भाजपा और लक्ष्मीकांत बाजपेयी रहे।

एक पत्थर से फट रही पौ

आतंक और दहशत से घिरे करीब 350 पुलिसकर्मियों और प्रशासनिक अफसरों पर 57 बाल बंदी भारी पड़ रहे थे। तेज आवाज के साथ डीजे, सरकारी नारेबाजी से झांकता एक तेज स्पीड में पत्थर के गिरते ही पौ सी फट रही थी। एक स्थानीय खौफजदा थे तो वहीं घरों के दरवाजे और खिड़कियां शाम से ही बंद हो चुकी थीं। एक पत्थर गिरता तो पुलिसकर्मी पीछे की ओर दौड़ लगा देते। अफसर ललकारते तो कुछ देर के लिए कदम थमते, अगला पत्थर आते ही फिर मुंह घुमा पर एक लंबी दौड़।

बड़े नेता का रिश्तेदार

आतंकी की इस नर्सरी में सबकुछ मौजूद है। कोई किसी नाम से फेमस है तो किसी को किसी नाम से खिताब मिला है। आई नेस्क्ट इनवेस्टीगेशन में निकला कि इस पूरे घटनाक्रम को एक बाल बंदी लीड कर रहा है। यह बाल बंदी डॉन के नाम से फेमस है और मेरठ के एक बजे सत्ता से ताल्लुक रखने वाले रसूखदार नेता का भतीजा है। ऑपरेशन को लीड कर रहा ये बाल बंदी 'नेताजी' जिंदाबाद के नारे लगा रहा था।

रातभर चला हंगामा

संप्रेषण गृह की छत पर जमे बाल बंदियों ने पुलिस और प्रशासन की नाक में दम कर दिया। रातभर हंगामे की सोचकर प्रशासनिक अफसरों ने 'शिफ्ट' तय कर ली तो वहीं घंटों से एक पैर पर खड़े पुलिसकर्मी लड़खड़ाते नजर आ रहे थे। ऐहतियातन परिसर को चारों ओर से पुलिस ने घेर लिया था। पार्क और नाले की ओर से बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया था। फरारी के सब रास्तों बंद कर दिया।

बच्चों को किया शिफ्ट

शाम होते ही संप्रेषण गृह से सटे बाल सदन के 21 बच्चों की धड़कनें तेज हो गई। खौफजदा इन बच्चों की सुरक्षा की फिक्र सभी को हो रही थी। मंडलीय उप परिवीक्षा अधिकारी आशुतोष सिंह के निर्देश पर विधि सह परिवीक्षा अधिकारी श्रीति सगर ने सभी बच्चों को लालकुर्ती स्थित नारी संप्रेषण गृह में आनन-फानन रात्रि शिफ्ट करा दिया।

क्यों कराया मुकदमा

डीजे की मांग पर 2 मई को हुए हंगामे और तोड़फोड़ में थाना नौचंदी पुलिस ने उन सभी 13 बाल बंदियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। गुरुवार को भूख हड़ताल पर गए बाल बंदियों ने विरोध की एक वजह यह भी बताई। उनका कहना है कि 'हमारे खिलाफ मुकदमा क्यों किया, जबतक मुकदमा वापस नहीं लेंगे हम खाना नहीं खाएंगे.' वहीं मंडलीय उप परिवीक्षा अधिकारी का कहना है कि 2 मई को हुए हंगामे की रिपोर्ट शासन को दे दी गई है, किसी भी स्थिति में कार्रवाई को वापस नहीं लिया जा सकता है।

एडीएम सिटी पहुंचे कताई मिल

एक ओर बवाली बाल बंदी हंगामा कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन उन्हें शिफ्ट कराने की कवायद में लगा था। गुरुवार शाम सिटी मजिस्ट्रेट के साथ एडीएम सिटी ने परतापुर स्थित ड्रग वेयर हाउस का निरीक्षण किया। बता दें कि रोजाना हो रही फरारी की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन संप्रेषण गृह का शिफ्ट कराने की कवायद शुरू कर रहा है। परतापुर में कताई मिल और ड्रग वेयर हाउस दो साइट हैं तो वहीं सुरक्षा के मद्देनजर सूरजकुंड स्थित संप्रेषण गृह में ही ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट करने की भी कवायद हो रही है।

Posted By: Inextlive