-फजीहत के डर से पीयूष से मिलने नहीं पहुंची बहन और परिजन

-महिला बंदियों ने भी पीयूष को राखी बांधने से किया इन्कार

-मनीषा से मिलाई करने जेल पहुंची मां, भाई को न देखकर फूट-फूटकर रोई

KANPUR : इसे इत्तिफाक कहेंगे या फिर कुछ और कि ज्योति का कत्ल कर उसके भाइयों की कलाई सूनी करने वाले हत्यारे पति पीयूष को भी रक्षाबन्धन पर किसी ने राखी नहीं बांधी। वो जेल में बहन समेत परिजनों का इंतजार करता रहा, लेकिन उससे मिलाई करने के लिए कोई भी जेल नहीं पहुंचा। यही हाल उसकी माशूका मनीषा का रहा। उसका भाई भी फजीहत से बचने के लिए उससे राखी बंधवाने के लिए जेल नहीं पहुंचा। हालांकि उसकी मां उससे मिलाई करने जेल पहुंची। वो उनके साथ भाई को न देखकर फूट-फूटकर रोने लगी। उसे मां ने दिलासा तो दी, लेकिन उसे भी सच मालूम है कि उसके शर्मनाक कृत्य की वजह से उसका भाई मिलने नहीं आया।

हर आधे घंटे में पूछता रहा

रक्षाबन्धन पर्व पर जेल में हर बंदी से मिलने के लिए उनकी बहनें आती हैं। इसके लिए जेल प्रशासन विशेष इन्तजाम भी करता है। बहने हफ्तों पहले ही सारी तैयारी कर लेती हैं, ताकि उनको भाई से मिलने में कोई दिक्कत न हों। इसी तरह बंदी भी बहन से राखी बंधवाने के लिए बेचैन रहते हैं। रविवार को रक्षाबन्धन में बहन से राखी बंधवाने के लिए सुबह से बंदी तैयार हो गए। उनमें ज्योति का हत्यारा पति पीयूष भी था। पीयूष समेत सभी बंदी जेल खुलने का इन्तजार कर रहे थे। जैसे ही जेल खुली, सभी बंदी अपनी मिलाई के बारे में जेल ऑफिसर से पूछने लगे। उसमें हत्यारा पीयूष भी था। सुबह 9 बजे से मिलाई शुरु हुई और बंदियों के बहन समेत अन्य परिजन जेल पहुंचने लगे। एक बार में भ्0-भ्0 बंदियों की मिलाई कराई गई। यह क्रम दोपहर तीन बजे तक चलता रहा। इस दौरान पीयूष बार-बार जेल ऑफिसर और नंबरदार से मिलाई के बारे में पूछता रहा, लेकिन उसको हर बार निराशा हाथ लगी। हालांकि पीयूष की कोई सगी बहन नहीं है, लेकिन हर साल चाचा-ताऊ की बेटियां उसे राखी बांधती थीं। लेकिन फजीहत होने के डर से उससे मिलने न तो कोई बहन पहुंची और न ही कोई परिजन। जिससे मायूस पीयूष बैरक में लौट गया और घडि़याली आंसू बहाने लगा।

बंदियों ने भी नहीं बांधी राखी।

जेल में बहनों ने बंदियों को राखी बांधकर उनका मुंह मीठा कराया, तो बंदियों ने उनको अपराध छोड़ने की कसम दी। वहीं, जिन बंदियों से मिलने उनकी बहन जेल नहीं पहुंच सकी, तो उनको दूसरे बंदियों की बहनों या महिला बंदियों ने राखी बांधी, लेकिन पीयूष को किसी भी बंदी की बहन ने राखी नहीं बांधी। कुछ बंदियों ने अपनी बहनों से उसे राखी बांधने के लिए कहा भी, लेकिन उन्होंने उसके बारे में जानते ही राखी बांधने से इन्कार कर दिया। महिला बंदियों ने भी उसे राखी बांधने से इन्कार करते हुए कहा कि जिसने पत्नी का कत्ल करके उसके भाइयों की कलाई सूनी कर दी। उसको यही सजा मिलनी चाहिए। उनको कोई भी राखी नहीं बांधेगा।

मनीषा भी फफक कर रो पड़ी

जेल में पीयूष की तरह उसकी माशूका मनीषा का भी यही हाल रहा। उससे भी राखी बंधवाने के लिए भाई जेल नहीं पहुंचा। हालांकि उसको दिलासा देने के लिए मां जरूर मिलाई करने पहुंची। वो मां के साथ भाई को न देखकर फूट-फूटकर रोने लगी। उसने रोते हुए मां से कहा कि मैं तो भाई की लाडली बहन हूं, तो फिर वो राखी बंधवाने के लिए क्यों नहीं आया। जिसे देख उसकी मां की भी आंखें भर आई। मां ने सांत्वना देने के लिए मनीषा से कहा कि उसका भाई शहर से बाहर है। वो जेल आने के लिए कानपुर आ रहा था, लेकिन उन्होंने ही उसको मना कर दिया। जिसके बाद मां ने पर्स से राखी निकालकर मनीषा को देकर कहा कि तुम इसे छूकर वापस दे दो। मैं इसे उसके पास भेज दूंगी, जिसे देखकर वो और रोने लगी। उसने कहा कि मां चाहे तुम जितना झूठ बोलो, लेकिन मैं सच जानती हूं। जिसके बाद उसकी मां जेल के बाहर आई, तो उन्हें मीडिया वालों ने घेर लिया। मीडिया वालों ने उससे कुछ सवाल पूछने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

पर वो नजर नहीं मिला पाए।

ज्योति की निर्मम हत्या करने वाले हत्यारे अवधेश, रेनू, आशीष और सोनू से उनकी बहनों ने मिलाई की। आई नेक्स्ट ने उनसे बात की, तो उन्होंने रोते हुए कहा कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जेल में भाई को राखी बांधनी पड़ेगी। उन्होंने दोबारा अपने भाइयों को निर्दोष बताते हुए कहा कि वो पीयूष की साजिश का शिकार हो गए। अवधेश की बहन तो रोते हुए कहने लगी कि वही घर पर कमाने वाला था। अब तो घर का खर्च भी चलाना मुश्किल हो गया है। उन लोगों के पास तो मिठाई खरीदने के भी पैसे नहीं थे, लेकिन वो किसी तरह उधार लेकर मिठाई खरीद कर लाई है।

सात स्पेशल मैसेज खोलेंगे राज

बिस्कुट कारोबारी की बहु ज्योति का कत्ल करने वाले हत्यारे पति पीयूष को सात स्पेशल मैसेज फांसी की सजा दिलाएंगे। ये मैसेज उसने खुद ज्योति का कत्ल कराने से पहले माशूका मनीषा और हत्यारे अवधेश को भेजे थे। इन मैसेजज को उसने डिलीट कर दिया था, लेकिन पुलिस ने साइंटिफिक तरीके से उसे निकाल लिया है, जो इस केस में अहम सबूत होंगे। इन मैसेज में उसने ज्योति के कत्ल और उसकी प्लानिंग के बारे में लिखा था। हालांकि ऑफिसर इसके बार में अभी कुछ भी बताने से बच रहे हैं। एक ऑफिसर ने नाम न छापने की शर्त बताया है कि इसमें से पांच मैसेज पीयूष ने माशूका मनीषा को भेजे थे, जबकि दो मैसेज उसने हत्यारे अवधेश को भेजे थे।

ललित महेश्वरी के हत्यारोपी नौकर के परिजनों ने पुलिस को कोसा

लालित्यम साड़ीज के मालिक ललित महेश्वरी की हत्या के आरोप में बन्द नौकर अनिल सोनी और उसके जीजा ओम प्रकाश को भी राखी बांधने के लिए उनकी बहन जेल पहुंची। उन्होंने पुलिस और ललित महेश्वरी के बेटों को कोसते हुए कहा कि उनका भाई निर्दोष है। इसके बाद भी पुलिस ने उसे फंसा दिया। उनका जेल में बहुत बुरा हाल है। वे जेल में बहनों को देखकर रोने लगे। दोनों खुद को बेकसूर बताते हुए जेल से छुड़ाने के लिए बहनों से कहने लगे, तो उनकी भी आंख भर आई। उन्होंने भाइयों को दिलासा दी कि वे उनकी जमानत के लिए कोशिश कर रही हैं।

Posted By: Inextlive