-ज्योति हत्याकांड की तर्ज पर हुई जांच से इंस्पेक्टर हत्याकांड में हत्यारे को मिली फांसी की सजा

-फर्रुखाबाद में हुआ था इंस्पेक्टर का मर्डर, आईजी की मानीटरिंग में हुई थी उस केस की भी विवेचना

-इस केस के फैसले से ज्योति के परिजनों को आरोपियों को मौत की सजा सुनाने की उम्मीद बढ़ी

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KANPUR : -

शहर के हाईप्रोफाइल ज्योति हत्याकांड के आरोपी सूत्रधार अय्याश पति पीयूष, उसकी माशूका मनीषा समेत अन्य हत्यारोपी को बचाने के लिए भले तगड़ी पैरवी हो रही है, लेकिन उनका बचना करीब करीब नामुमकिन है। पुलिस के जुटाए सबूत से उनको सजा-ए-मौत हो सकती है। इसकी एक खास वजह है।

पुलिस ने ज्योति हत्याकांड केस की तर्ज पर ही फर्रुखाबाद में इंस्पेक्टर राज कुमार सिंह हत्याकांड के सबूतों को जुटाया और विवेचना कर चार्जशीट दाखिल की थी जिसे संज्ञान में लेकर और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने चार दिन पहले इंस्पेक्टर के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई। आईजी आशुतोष पाण्डेय के नेतृत्व में एक ही पैटर्न पर तैयार की गई चार्जशीट में से एक के आधार पर सजा-ए-मौत का फैसला हो चुका है।

इस फैसले से ज्योति के गुनहगारों को सजा-ए-मौत सुनाए जाने की उम्मीद बढ़ गई। पढि़ए ये स्पेशल रिपोर्ट और जानिए कि पुलिस ने दोनों केसों में किस तरह से सबूत और गवाहों को तैयार किया। क्या हैं पुलिस की तैयारी में समानताएं और क्यों दोनों केसों का फैसला एक जैसा हो सकता है।

ज्योति हत्याकांड की तर्ज पर हर सबूत जुटाए

फर्रुखाबाद में ख्9 नम्बर ख्0क्ब् को इंस्पेक्टर राजकुमार सिंह की हत्या हुई थी। उनको शातिर बदमाश चंद्र कुमार उर्फ पप्पू कोरी ने गोली मारी थी। इससे पहले कानपुर में पुलिस ज्योति हत्याकांड का खुलासा कर चार्जशीट दाखिल कर चुकी थी। इंस्पेक्टर की हत्या का पता चलते ही आईजी आशुतोष पाण्डेय फर्रुखाबाद पहुंच गए। उन्होंने मामले की जानकारी की। उन्होंने ज्योति हत्याकांड की निष्पक्ष और साइंटिफिक विवेचना का उदाहरण देते विवेचक को हर प्वाइंट पर जांच करने की हिदायत दी। विवेचक ने ज्योति हत्याकांड के केस को स्टडी कर जांच के हर पहलू को समझा और सबूतों को जुटाया। कोर्ट में ट्रायल के दौरान बचाव पक्ष इन सबूतों को झूठ नहीं बता सका। जिसके चलते कोर्ट ने इंस्पेक्टर के हत्यारों को फांसी की सजा सुनाई। एडवोकेट अनन्त शर्मा के मुताबिक ज्योति हत्याकांड में पुलिस ने पुख्ता सबूत जुटाए है। सभी सबूत मुकदमे से कनेक्ट है। इससे हत्यारापियों को सजा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।

शत प्रतिशत माल बरामदगी का भी मिलेगा फायदा

पुलिस ने इंस्पेक्टर की हत्या में आला कत्ल समेत शत प्रतिशत माल बरामदगी (वारदात से जुड़ा हर सामान) की। जिससे मुकदमे के ट्रायल में अभियोजन का पक्ष और मजबूत हो गया। पुलिस ने दो गवाहों की मौजदूगी में आला कत्ल समेत अन्य सामान की बरामदगी कराई थी। जिससे अभियोजन पक्ष यह सिद्ध करने में कामयाब हो गया कि बरामद आला कत्ल समेत अन्य सामान का हत्यारे और वारदात का संबंध है। जिसे संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया। इसी तरह ज्योति हत्याकांड में भी पुलिस ने दो गवाहों की मौजदूगी पर आला कत्ल समेत शत प्रतिशत मॉल बरामदगी की है। एडवोकेट रुद्र प्रताप सिंह के मुताबिक शत प्रतिशत माल बरामदगी का अभियोजन पक्ष को फायदा मिलता है। अगर अभियोजन पक्ष इंस्पेक्टर हत्याकांड की तरह ज्योति हत्याकांड में माल बरामदगी को घटना और हत्यारोपी से जोड़ने में कामयाब रहा तो निश्चित ही आरोपियों को सजा मिलेगी।

मोबाइल लोकेशन और सीडीआर भी होंगे मददगार

ज्योति हत्याकांड की तरह इंस्पेक्टर हत्याकांड में पुलिस ने हत्यारोपी की मोबाइल लोकेशन और कॉल डेटा रिकार्ड को सबूत बनाया था। पुलिस ने ज्योति हत्याकांड में भी मोबाइल लोकेशन के जरिए ही यह पता किया था कि वारदात के समय हत्यारोपी पीयूष, उसकी माशूक मनीषा समेत अन्य हत्यारोपी कहां पर थे? इंस्पेक्टर हत्याकांड में मोबाइल लोकेशन से यह पता चला कि हत्यारा वारदात के समय घटना स्थल पर मौजूद था? एडवोकेट्स की राय के मुताबिक यह सबूत भी ज्योति हत्याकांड में हत्यारों को सजा दिलाने में मददगार रहेगा।

गवाहों के बयान की कराई गई वीिडयोग्राफी

पुलिस ने ज्योति और इंस्पेक्टर राजकुमार हत्याकांड में गवाहों के बयान और फर्द बरामदगी की वीडियोग्राफी कराई, ताकि दोनों केस में कोई भी गवाह बाद में बयान न बदलें। इंस्पेक्टर हत्याकांड में हर गवाह मुकदमे से जुड़ा था। मसलन चश्मदीद गवाह घटना स्थल पर मौजूद था। फर्द बरामदगी गवाह फर्द बनाते समय मौके पर मौजूद था। इस तरह ज्योति हत्याकांड में भी हर गवाह मुकदमे से कनेक्ट है। पुलिस ने तो ज्योति हत्याकांड में कस्टडी रिमाण्ड में भी आरोपियों के बयान की वीडियोग्राफी कराई। साथ ही पुलिस ने उस सीसीटीवी फुटेज को भी बरामद कर लिया। जिसमें एक मॉल से हत्यारा अवधेश चाकू खरीदते हुए दिख रहा है।

लास्ट सीन टूगेदर से मिलेगी सजा

फर्रुखाबाद में इंस्पेक्टर की हत्या में पुलिस ने हत्यारोपी पप्पू कोरी को रंगे हाथ मौके पर पकड़ लिया था, लेकिन पुलिस को ज्योति हत्याकांड में हत्यारोपियों का पता लगाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। ज्योति हत्याकांड ब्लाइंड मर्डर था। इस तरह के केस में सबसे अहम होता कि मृतक या मृतका आखिरी बार किसके साथ थी। यहीं से हत्याकांड की कड़ी शुरू होती है। इस हत्याकांड में मृतका ज्योति आखिरी बार हत्यारोपी पति पीयूष के साथ थी। इसका सबूत बाराण्डा रेस्टोरेंट की सीसीटीवी फुटेज है। इसे पुलिस ने कोर्ट में दाखिल किया है। इसका अभियोजन पक्ष का मुकदमे में ट्रायल में फायदा मिलेगा।

वारदात के समय हत्यारोपियों की लोकेशन

पुलिस ने सभी आरोपियों के मोबाइल नम्बर की सीडीआर और लोकेशन की बारीकी से पड़ताल की है। जिसमें पता चला कि हत्यारोपी पति पीयूष ने वारदात के दिन अवधेश के मोबाइल पर रात को 9.0भ् बजे कॉल की थी। उस समय पीयूष घर पर था। इसके बाद पीयूष पत्नी ज्योति को लेकर घर से निकला था। रेनू ने आशीष के मोबाइल पर रात को क्0.क्फ् बजे कॉल की। उस समय आरोपियों की लोकेशन वीआईपी रोड पर थी। सोनू ने आशीष के मोबाइल पर क्0.फ्7 बजे कॉल की थी। उस समय सोनू की लोकेशन कम्पनी बाग से रावतपुर रोड पर थी। इसी तरह आरोपियों की लोकेशन बाराण्डा रेस्टोरेंट से कम्पनी बाग और वहां से रावतपुर रोड पर अंधे मोड़ पर थी। सोनू ने रात में क्क्.भ्ब् और क्क्.भ्8 बजे अपने मोबाइल से कॉल की। उस समय उनकी लोकेशन काकादेव होते हुए ई-ब्लाक पनकी में थी। पुलिस ने इन्हीं लोकेशन और कॉल के आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

इन नम्बरों की सीडीआर से पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ी।

मोबाइल नम्बर आईडी यूजर

99भ्म्फ्भ्फ्भ्फ्भ् रामजसलानी प्लाट नं। क्क्फ्0 एमआईजी रतनलाल नगर पीयूष श्यामदसानी

80907म्म्8भ्फ् शंकर म्भ्/8 खेड़ा तहसील बांदा पीयूष श्यामदसानी

80907म्म्8फ्7 शंकर म्भ्/8 खेड़ा तहसील बांदा मनीषा मखीजा

8क्ख्798म्फ्ब्ख् अनिल ब्फ्/9क् नारियल बाजार कानपुर अवधेश चतुर्वेदी

8म्87भ्807फ्0 सर्वेश क्ख्ब्क् आवास विकास कल्याणपुर सोनू कश्यप

88भ्फ्90ख्9फ्8 मुन्नी देवी क्क्7फ् पाण्डुनगर काकादेव सोनू कश्यप

8090म्क्भ्770 आशीष क्क्7एच ख्09 पाण्डुनगर, कानपुर आशीष कश्यप

778ब्987भ्98 सोनू शाक्य हितकारी नगर, कानपुर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया

8म्87क्ब्भ्क्0ब् अखिलेश कुमार निवासी रामचरन की मडै़या, पाण्डुनगर रेनू उर्फ अखिलेश कनौजिया

ज्योति हत्याकांड में ये सबूत है पुलिस के हथियार

-कार होण्डा एकार्ड में आगे बांई सीट के पास से काटन से मिला ब्लड सैम्पल

-ड्राइवर के पीछे की सीट से काटन से मिला ब्लड सैम्पल

-एक सफेद रूमाल खून से सना

-कार की पिछली सीट पर मिले हेयर सैम्पल,

-ड्राइवर के पीछे की सीट पर मिले बैग से बरामद तीन चाकू, लम्बाई ख्8, ख्8 और फ्ख् सेंटीमीटर

-खून से सनी लेडीज सैंडिल

-एक एफपीटी कार्ड पर पांच फिंगर प्रिंट

-होण्डा एकार्ड की घटना स्थल पर ली गई फोटोग्राफ

-मृतका की फोटोग्राफ

आईजी की मानीटरिंग में हुई विवेचना

आईजी आशुतोष पाण्डेय की मानीटरिंग में ज्योति और इंस्पेक्टर राजकुमार हत्याकांड की विवेचना हुई है। जिसकी वजह से न तो विवेचना में हीलाहवाली हुई और न ही कोई खेल। बल्कि विवेचकों ने पुख्ता पड़ताल कर एक-एक सबूत को जुटाया। विवेचकों ने जांच में वैज्ञानिक पद्धति का भी सहारा लिया। आईजी दोनों मामलों की जांच के दौरान हर दिन प्रगति रिपोर्ट देखते थे। जिससे दोनों की जांच में कोई गड़बड़ी न हो पाई। आई जी का दावा है कि इंसपेक्टर हत्याकाण्ड की तरह ही ज्योति मर्डर केस में भी फैसला आरोपियां के खिलाफ आएगा क्योंकि दोनों में पुलिस की कार्रवाई का पैटर्न एक जैसा रहा है.य

Posted By: Inextlive