शारदीय नवरात्रि का 21 सितम्बर से होगा शुभारंभ, इस बार किसी भी तिथि की हानि नहीं

ALLAHABAD: जगत जननी मां भगवती की अराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने वाला है। आश्रि्वन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 21 सितम्बर से शुभारंभ होगा। प्रतिपदा तिथि 20 सितम्बर को सुबह 10.22 बजे लगेगी, लेकिन उदया तिथि की वजह से नवरात्रि का शुभारंभ 21 सितम्बर से माना जाएगा। इस बार माता रानी नौका पर सवार होकर आएंगी और गमन मुर्गा पर होगा। नौका पर माता रानी का आगमन अति शुभ फलदायक होगा। खास बात है कि इस बार पूरे नौ दिनों तक मां भगवती के नौ विभिन्न स्वरूपों का पूजन-अर्चन किया जा सकेगा, क्योंकि एक भी तिथि की हानि नहीं होगी। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि इस बार भक्तों में धन संपदा व वैभव का संचार होगा।

विजयादशमी के दिन करेंगे पारण

नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखने वाले भक्त पारण 30 सितम्बर को कर सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि नवमी तिथि का मान 29 सितम्बर को रात 9.22 बजे तक रहेगा। इसलिए नौ दिनों से चले आ रहे व्रत, दुर्गा सप्तशती से संबंधित हवन का कार्य उसी तिथि में किया जाएगा।

सूर्योदय से कलश स्थापना का मुहूर्त

वासंतिक हो या शारदीय नवरात्रि मंदिरों से लेकर घरों में कलश स्थापना की जाती है। इस नवरात्रि कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सूर्योदय 5.58 बजे से सुबह 9.57 बजे तक है। अभिजीत मुहूर्त 21 सितम्बर को पूर्वान्ह 11.36 से दोपहर 12.24 बजे तक रहेगा। इस मुहूर्त में कलश स्थापित किया जाना श्रेष्ठ माना जाता है।

सप्तमी तिथि से माता रानी के आगमन का विचार किया जाता है। इस नवरात्रि में मां भगवती नौका पर सवार होकर आएंगी, जो शुभ फल का कारक बनता है। इसका समाज के हर क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

पं.दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली

इस नवरात्रि में मां का आगमन नौका और गमन मुर्गा पर होगा। इसकी वजह से उल्लास का वातावरण स्थापित होगा। समाज के साथ ही भक्तों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा।

ज्योतिषाचार्य पं। विनय कृष्ण तिवारी

Posted By: Inextlive