मद्रास हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रितिका याशिनी के बतौर प्रथम भारतीय ट्रांसजेंडर के सब इंस्पेक्टर बनने का रास्ता साफ हो गया है।


कोर्ट ने माना पद के लिए सही दावेदार चेन्नई निवासी 25 वर्षीय के. प्रितिका यशिनी भारत की पहली ट्रांसजेंडर सब-इंस्पेक्टर होंगी। प्रितिका को मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को सब-इंस्पेक्टर पोस्ट के लिए उपयुक्त दावेदार घोषित कर दिया है। मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सेवा भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह ट्रांसजेंडर प्रितिका को पुलिस सब-इंस्पेक्टर के तौर पर तैनात करे क्योंकि वह यह नौकरी पाने का हक रखती है। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति पुष्पा सत्यनारायण की पहली पीठ ने बोर्ड को यह भी आदेश दिया कि अगली भर्ती प्रकिया से वह तीसरे लिंग की श्रेणी में ट्रांसजेंडर को भी शामिल करे।पहली बार में नामंजूर हो गया था प्रितिका का आवेदन
ट्रांसजेंडर के. प्रितिका यशिनी के आवेदन पत्र को प्रारंभिक तौर पर नामंजूर कर दिया गया था जिसके बाद वह हाईकोर्ट चली गई थी। उसने हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट की उस व्यवस्था का हवाला दिया जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा मानते हुए उनके उत्थान के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा मानते हुए उनके उत्थान के लिए कदम उठाने के निर्देश के साथ सरकारी भर्तियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सभी प्रकार के आरक्षण के लाभ देने के भी निर्देश दिए थे।

inextlive from India News Desk

Posted By: Molly Seth