मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच कड़कनाथ पर अधिकार को लेकर लंबे समय से लड़ाई चल रही थी इस विवाद पर फैसला सुनाते हुए चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग मध्य प्रदेश को दिया है. बता दें कि प्रोटीन और स्वाद से सराबोर कड़कनाथ मुर्गा मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में पाया जाता है। आइये इस मुर्गे की खासियत और इससे जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातों को जानें।


कड़कनाथ मुर्गे की पहचानकड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले में पाई जाती है। कहा जाता है कि यह तमाम औषधीय गुणों से युक्त है। इसमें सबसे कम फैट होता है और यह सिर्फ काले रंग के होते हैं। इस प्रजाति की सबसे खास बात ये है कि यह तो काले होते ही हैं, इसके साथ इनके खून और अंडे भी काले रंग के होते हैं। कड़कनाथ मुर्गे को वहां 'कालीमासी' के नाम से भी जाना जाता है।मुर्गे की खास बात
बताया जाता है कि कड़कनाथ मुर्गा दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई औषधीय गुणों से भरपूर होता है। जानकारी के मुताबिक इसमें 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 परसेंट ही प्रोटीन होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गे में आयरन की मात्रा भी अधिक होती है, जबकि कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा अन्य प्रजाति के मुर्गों से काफी कम पाई जाती है। अपनी विशेषताओं व बेहतर स्वाद के चलते कड़कनाथ मुर्गे की मांग भी काफी रहती है। मुर्गे की कीमत


हालांकि मांग के मुकाबले आपूर्ति कम रहने से इसके भाव सामान्य मुर्गे के मुकाबले 6 से 7 गुना तक अधिक होते हैं। जानकारों के अनुसार खुले बाजार में कड़कनाथ 550 रुपए से 600 रुपए प्रति किलो के दर से बिकता है। कई बार इसे विशेष ऑर्डर पर झाबुआ से मंगवाया जाता है। बता दें कि मध्यप्रदेश में झाबुआ सहित 16 स्थानों पर कड़कनाथ कुक्कुट प्रक्षेत्र बनाया गया है, जहां पर इस प्रजाती का संरक्षण कर विकास किया जाता है।जीआई टैग के लिए विवादगौरतलब है कि कड़कनाथ मुर्गे की प्रजाति पर अपना अधिकार जमाते हुए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें भौगोलिक पहचान से जुड़ा जीआई टैग हासिल करने के लिए लंबे समय से अपना-अपना दावा पेश कर रही थी, लेकिन आखिरकार चेन्नई के भौगोलिक संकेतक पंजीयन कार्यालय ने कड़कनाथ मुर्गे का जीआई टैग मध्य प्रदेश को दिया। अब मध्यप्रदेश सरकार ने यह घोषणा की है कि ग्राहक घर बैठे ही एक एप के जरिए इस मुर्गे को खरीद सकते हैं।

Posted By: Mukul Kumar