- पूर्व सीएम हरीश रावत ने विभिन्न राजनैतिक दलों, ट्रेड यूनियन, सामाजिक संस्थाओं व कांग्रेस नेताओं को एक मंच पर लाने की पहल

- काफल पार्टी देकर हरीश रावत ने की काफल चैप्टर ऑफ गढ़वाल मण्डल की शुरूआत

DEHRADUN: प्रदेश की राजनीति में खुद को कुछ अलग अंदाज से पेश करने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर पहाड़ के सबसे प्रसिद्ध फल काफल के जरिए कई राजनीतिज्ञों और गैर राजनीतिक संगठनों को एक मंच पर लाने की पहल की है। हालांकि इस पहल में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का किनारा कई सवाल भी छोड़ गया है।

5 सूत्रों पर होंगे काम

सोमवार को दून के एक निजी होटल में पूर्व सीएम हरीश रावत ने काफल चैप्टर ऑफ गढ़वाल मण्डल की एक अलग अंदाज में घोषणा की। जिसके संरक्षक मण्डल में विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक गणेश गोदियाल, पृथ्वीपाल चौहान, सुरेन्द्र कुमार, जोत सिंह बिष्ट, संदीप साहनी, संयोजक आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, शान्ति प्रसाद भट्ट, सहसंयोजक कुलबीर सिंह नेगी, संदीप पटवाल, गोदाम्बरी रावत, गीतु आर्य और विजय पाल रावत को शामिल किया गया है। इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि काफल चैप्टर ऑफ गढ़वाल पांच सूत्रों पर काम करेगा। पहले सूत्र में राज्य की आर्थिकी बढ़ाने वाले वृक्ष, दूसरे सूत्र में रेशे वाले पौधे, तीसरे सूत्र में मोटे अनाजों के व्यंजनों को बढ़ावा देना, चौथा राज्य के पारंपरिक शिल्प का संरक्षण व पांचवा राज्य के पारंपरिक वस्त्र, आभूषण व पहनावे को वाणिज्य आधार पर बढ़ावा देना है। हरीश रावत ने एक बार फिर पहाड़ की चीजों को बढ़ावा देने की अपील की। इधर, कांग्रेस के सीनियर नेताओं के काफल पार्टी में न आने से कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।

Posted By: Inextlive