आज फेमस पोएट बॉलीवुड लिरिसिस्ट और सोशल एक्टिविस्ट कैफी आजमी की 101वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। वहीं बेटी शबाना आजमी ने पति जावेद अख्तर के साथ मिल कर पूरे साल एक विशेष कार्यक्रम के जरिए और कैफी के बेटे बाबा आजमी ने नसीरुद्दीन शाह के साथ एक डॉक्युमेंट्री बना कर अपने फादर को ट्रिब्यूट दी है।


मुंबई। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ जिले के मिजवां गांव में 14 जनवरी 1919 को फेमस पोएट, लिरिस्ट कैफी आजमी का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम सैयद अतहर हुसैन रिजवी था। इन्हीं कैफी आजमी की आज 101वीं बर्थ एनिवर्सरी है, जिसे सम्मानित करते हुए गूगल ने डूडल बनाया है। उनके बच्चों शबाना आजमी और बाबा आजमी ने भी विशेष तरीके उनको श्रद्धांजलि अर्पित की है। शबाना ने की कार्यक्रमों की सीरीज


बीते साल 14 जनवरी, 2019 को, कैफी आजमी की 100वीं जयंती यानि जन्म शताब्दी पूरे होने पर उनकी एक्ट्रेस बेटी शबाना आजमी ने पूरे साल तक मुशायरों, नाटकों और सेमिनारों की एक सीरीज चलाई, जो इस साल 14 जनवरी को पूरी हो गई है। इस सीरीज का आईडिया शबाना के लिरिसिस्ट हसबेंड जावेद अख्तर का था। बाद में कई बड़े लिटरेरी नाम इसके साथ जुड़ते गए। ऐसे 48 से अधिक समारोह हुए, जिनमें यूके, यूएसए, यूरोप और भारत में किए गए लिट्रेचर फेस्टिवल शामिल थे। इन कार्यक्रमों शबाना और जावेद ने कैफी की कविताओं का पाठ किया, जबकि शंकर महादेवन ने उनको गाया जिसमें उस्ताद जाकिर हुसैन ने तबले पर उनका साथ दिया। बेटे ने बनाई डॉक्युमेंट्री

इसी क्रम में कैफी के बेटे बाबा आजमी ने एक डॉक्युमेंट्री का डायरेक्शन किया, जिसमें नसीरुद्दीन शाह ने इंपोर्टेंट रोल प्ले किया है। इस फिल्म का नाम है मी रक्सम जो एक बेटी और उसके फादर के रिलेशन की कहानी है। फिल्म में कैफी के पैतृक गांव मिजवां के टेलर और उसकी बेटी के बारे में बताया गया है जो भारतनाट्यम सीखना चाहती है। मिड डे के साथ बातचीत में बाबा ने कहा कि उनके फादर ने पूछा था कि क्या वो उनके गांव मिजवां में कोई फिल्म बना सकते हैं, ये फिल्म बना कर उन्हें लगता है कि उन्होंने अपने पिता को सच्ची श्रद्धांजलि दी है। ऐसा ही कुछ शबाना की भी कहना है कि अगर आज कैफी होते तो वे काफी खुश हुए होते।

Posted By: Molly Seth