डॉ कल्बे सादिक़ ने कहा, आतंवाद से लड़ना हो तो हुसैनी हो जाओ

दरियाबाद स्थित दरगाह हज़रत अब्बास में फ़ौजदारी के जाने माने वक़ील हैदर अब्बास की मजलिस ए बरसी हुई। शुरुआत मंजरुल हिंदी ने सोज़ख़्वानी से की। मजलिस को लखनऊ से आये मौलाना डॉ कल्बे सादिक़ (उपाध्यक्ष आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) ने खिताब किया। मौलाना डॉ कल्बे सादिक़ ने पढ़ा कि इल्म इंसान के लिए नेमत है, जितना हो सके इल्म हासिल करें। आज के दौर में दुनियावी तालीम होना बहुत ज़रूरी है। दीन और इल्म वाला इंसान किसी का हक़ नही मारता। उन्हीने इल्म हासिल करने पर ज़ोर डाला उन्होंने पढ़ा कि इल्म के बिना किसी मसले की गहराई और उसका हल नही तलाशा जा सकता है।

गरीबी इंसान की सबसे बड़ी दुश्मन

गरीबी इंसान की सबसे बड़ी दुशमन है, लेकिन पढ़ा लिखा इंसान कभी गरीब नही होता है। उन्होंने पढ़ा कि कोई धर्म बेकसूर का खून बहाने को नही कहता। इमाम हुसैन के कि़रदार पर रोशनी डालते हुए कहा कि किसी को अपना बनाने के लिए इमाम हुसैन की तरह साबिर और सच्चा किरदार वाला बनना होगा। तभी तो इमाम हुसैन ने हक व बातिल की जंग में हक पर चलते हुए अपनी व अपने अजीजों अंजार की कुर्बानी देकर दीने इस्लाम को बचाया। यजीदी फौज ने हजरत इमाम हुसैन व उनके काफिले पर इतने जुल्म किए जिन्हें सुनकर कलेजा कांप उठता है। जालिम यजीद ने उन्हें कर्बला में भूखा प्यासा शहीद किया। मौलाना ने हजरत इमाम हुसैन की फौज के सिपेहसालार हजरत अब्बास की वफादारी और शहादत पर रोशनी डाली और कहा कि दुनिया में उनकी वफादारी और शुजाअत की मिसाल नहीं मिलती।

मौलाना डॉ कल्बे सादिक ने कर्बला के 72 सहीदो के ग़मगीन मसायब पढ़े जिसे सुन लोगो की आँखे नाम हो गई। मजलिस में बड़ी संख्या में हर मज़हब के लोगो व अधिवक्ताओं ने शिरकत की। इस मौके पर आफताब रिज़वी, एडवोकेट कल्बे अब्बास, मौलाना रिज़वान हैदर, एडवोकेट रमेश रस्तोगी, अली सज्जाद, राघवेन्द्र प्रसाद, फहीम सिद्दीकी, ताज रिज़वी, काविश रिज़वी सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

-----------------------

फोटो कैप्शन: दरियाबाद में हैदर वक़ील की बरसी को खिताब करते मौलाना डॉ कल्बे सादिक़

----------------------

Posted By: Inextlive