कान्हा उपवन तो बना, पर सुविधाएं नहीं
अस्थाई गौशाला पर निगम ने तैयार किया स्थाई कान्हा उपवन
164 निराश्रित पशु हैं इस समय अस्थाई कान्हा उपवन में Meerut। योगी सरकार ने शहर के निराश्रित पशुओं को आश्रय देने के लिए कान्हा उपवन की स्थापना के आदेश दिए थे, लेकिन नगर निगम की कार्यप्रणाली कुछ दूसरी ही कहानी दर्शा रही है। दरअसल, निगम ने सूरजकुंड डिपो स्थित अस्थाई गौशाला में ही कान्हा उपवन बनाने का कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन यहां पर निराश्रित पशुओं की अनदेखी की जा रही है। हो रहा निर्माण कान्हा उपवन का आदेश आने से पहले डिपो में इस जगह पर निगम की गाडि़यों को खड़ा करने के लिए शेडो का निर्माण किया जा रहा था लेकिन फिलहाल निगम कान्हा उपवन को प्राथमिकता के तौर लेकर इस जगह का प्रयोग कर रहा है। परतापुर में अधर में कान्हा उपवननिगम की योजना के अनुसार परतापुर में 7 हेक्टेयर जमीन को कान्हा उपवन के लिए चिंहित किया गया था। जिस पर करीब 15 करोड़ की लागत से कान्हा उपवन तैयार किया जाना है लेकिन अभी तक यह योजना कागजों मे चल रही है। ऐसे में सूरजकुंड डिपो में बने अस्थाई गौशाला को कान्हा उपवन बनाकर खानापूर्ति की जा रही है।
वाहन डिपो की जगह पशु आश्रयसूरजकुंड डिपो में बने कान्हा उपवन में पशु आश्रय केंद्र से पहले वाहन खड़ा करने के लिए स्टैंड बनाए जाने की योजना थी। गौशाला के दौरान ही इस स्टैंड के लिए निर्माण कार्य भी शुरु कर दिया गया लेकिन प्राथमिकता गौशाला की आने पर निगम ने अपने वाहन स्टैंड में ही कान्हा उपवन शुरु कर दिया। अब निगम खुद अधर में है कि कान्हा उपवन कहां शिफ्ट करें।
जानलेवा साबित हो रही अनदेखी निगम ने भले ही गाडि़यों के लिए बने शेडो में कान्हा उपवन का बोर्ड लगाकर निराश्रित पशुओं को स्थाई ठिकाना दे दिया हो लेकिन निगम की अनदेखी के चलते यहां पशुओं की मौत होना आम सी बात हो गई है। सर्द हवाओं बरसात के साथ गंदगी के कारण गोवंश की मौत हो रही है। यह अस्थाई व्यवस्था है परतापुर में ही स्थाई कान्हा उपवन का निर्माण होगा। तब तक के लिए इसी जगह को स्थाई तौर पर प्रयोग किया जा रहा है। अमित कुमार, अपर नगरायुक्त