'छुट्टा' के लिए कान्हा उपवन तो बड़ा छोटा है
-कान्हा उपवन में 450 जानवर रखने की क्षमता, जबकि बनारस में 25 हजार है से ज्यादा हैं छुट्टा पशु
-कान्हा उपवन में पशु रखने का इंतजाम फिर भी सड़क पर घूम रहे छुट्टा जानवर स्मार्ट सिटी बनारस की सबसे बड़ी समस्या सड़क पर घूम रहे अवारा पशु हैं. जबकि इन्हें हटाने में नगर निगम अब भी नाकाम है. शहर की सड़कों पर अभी झुण्ड के झुण्ड छुट्टा पशु घूमते नजर आ रहे हैं. इनको शहर से बाहर करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत कान्हा उपवन भी तैयार किया जा रहा है. पर इसकी क्षमता इतनी कम है कि इसमें छुट्टा जानवरों को भेज भी दिया जाये तो बनारस से इनकी समस्या कम नहीं होगी. वहीं इस उपवन का काम इतना स्लो है कि यहां अभी तक सिर्फ तीन सौ जानवरों को ही शिफ्ट किया जा सका है. चार सेट बनकर है तैयारस्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत गंगा किनारे करसड़ा के छितौनी गांव में बन रहे इस उपवन को बनाने का मकसद शहर की सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं को यहां से बाहर करना है. कुल छह सेट वाले इस उपवन में 450 पशुओं के रखने की क्षमता है. जिसमें चार सेट बनकर तैयार हो चुका है.
तीन माह में पकड़े गए 1500
अधिकारियों की मानें तो कान्हा उपवन में छुट्टा पशुओं के रखने की जो क्षमता है वो घुमंतू जानवरों की तुलना में बेहद कम है. शहर में हजारों आवारा पशु घूम रहे हैं. जिसमें सभी को कान्हा उपवन में भेजना पॉसीबल नहीं है. नगर निगम की ओर से चलाये गए अभियान में पिछले तीन माह में अब तक करीब 1100 छुट्टा पशु पकड़े गए हैं. जिसमें 300 पशुओं कान्हा उपवन में भेजा गया है. इसके अलाव 400 से ज्यादा को कांजी हाउस बाकि को जंगलों में छोड़ दिया गया. धीमा है कान्हा उपवन का काम नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि शहर की सड़कों से छुट्टा पशुओं के कम न होने की सबसे बड़ी वजह कान्हा उपवन के सुस्त निर्माण कार्य का होना है. साल 2016 में कान्हा उपवन बनाने की शुरुआत हुई थी. जिसे दो साल में तैयार करने की डेडलाइन तय की गई थी, मगर अफसोस कि कि अभी तक यह पूरी तरह से तैयार नहीं हो सका. जिसकी वजह से नगर निगम को आवारा पशुओं को पकड़कर शहर से बाहर जंगलों में छोड़ना पड़ रहा है. क्या आती है समस्याबनारस में छुट्टा पशुओं का खुलेआम घूमना गंभीर समस्या है. इनकी वजह से आए-दिन एक्सिडेंट होते रहते है. यही नहीं सड़क चौराहों पर घुमते ये पशु चारा न मिलने की वजह से कचरा आदि खाकर ही पेट भरते हैं जिसकी वजह से इनमें से कई पशुओं को बीमारियां हो जाती हैं. साथ ही इनकी वजह से जाम भी लगता है.
पशुपालकों पर एफआईआर अधिकारियों का कहना है कि नगर आयुक्त के निर्देश पर शहर से आवारा पशुओं को हटाने के लिए जनवरी 2019 से व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें हर माह 3 से 4 सौ जानवर पकड़े जा रहे हैं. इसमें पशुपालकों के पशु मिलने पर उन एफआईआर दर्ज कराने के साथ जुर्माना भी वसूला गया है. ये हुआ कार्रवाई में 1050 आवारा पशु पकड़े गए जनवरी से अब तक 1,10,000 पशु पालकों से वसूला गया जुर्माना 54 पशुपालकों पर कराया गया एफआईआर दर्ज 25 हजार से ज्यादा हैं छुट्टा पशु फैक्ट फाइल 10 एकड़ में बन रहा कान्हा उपवन 12 करोड़ रुपये है कान्हा उपवन का बजट 450 पशु को रखने की व्यवस्था 300 पशुओं को ही मिल सका है स्थान --------------------ऐसा नहीं है कि सड़कों पर घूम रहे पशुओं को हटाया नहीं जा रहा. शहर में इनकी संख्या ज्यादा और रखने की क्षमता कम है. कान्हा उपवन का काम सुस्त होने की वजह से इनमें सभी पशुओं को नहीं रखा जा सकता. इसलिए कुछ को कांजी हाउस में रखा जा रहा है.
असलम अंसारी, पशु चिकित्साधिकार, नगर निगम