RANCHI : गोंदा डैम यानी कांके डैम के किनारे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण होने के बाद अब सरकार की नींद खुली है। विभाग की ओर से अब डैम के चारों ओर कंटीले तारों से घेराबंदी की जायेगी। ताकि यहां फिर कोई अतिक्रमण न कर सके। फिलहाल इस डैम के चारों ओर कई लोगों ने अतिक्रमण कर घर तक बनवा लिया है। प्रशासन की ओर से इन्हें हटाने के लिए कई बार प्रयास भी हुआ, लेकिन कब्जेदारों को टस से मस नहीं किया जा सका। वहीं डैम किनारे अतिक्रमण होने के कारण पानी का लेयर भी कम हो रहा है।

34 लाख से पूरा होगा काम

कांके डैम के कार्यपालक अभियंता तापेश्वर चौधरी ने बताया कि पूरे डैम का कंटीले तार से फेंसिंग किया जाएगा। इसका मकसद है कि लोग डैम के किनारे अब अतिक्रमण ना कर पायें। फेंसिंग करने के लिये करीब 34 लाख रुपए खर्च किया जाएगा, और चार महीने में दिसंबर तक इसे पूरा कर लिया जायेगा।

35 फीसदी हिस्से पर कब्जा

डैम के 30 से 35 फीसदी हिस्से पर अतिक्रमित किया गया है। 456 एकड़ में फैले इस जलाशय से राजधानी के कई वीआइपी इलाकों में वाटर सप्लाई की जाती है। 1960-65 के बीच डैम का निर्माण राजभवन, सीसीएल, रातू रोड, पिस्का मोड़ व आसपास के इलाकों में जलापूर्ति के लिए किया गया था। पेयजल व स्वच्छता विभाग की मानें तो डैम का कैचमेंट एरिया अतिक्रमण से प्रभावित हुआ है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, ग्रीन एरिया में भवनों के बनने से डैम का क्षेत्रफ ल 30-35 फीसदी तक कम हो गया है। जबकि इस ग्रीन एरिया में भी 200 मीटर तक निर्माण पर मनाही है।

जा रहा गंदा पानी

डैम के किनारे कैचमेंट एरिया में लोगों ने पक्के मकान बना लिये हैं। इससे डैम में पंडरा से आने वाला पानी भी अब कम आ रहा है। डैम से सटे इलाकों में इंद्रपुरी, अलकापुरी, आर्यपुरी, सरवर नगर, पंचवटी के आगे का मोहल्ला, कैंब्रियन स्कूल के पीछे का इलाका व सीएमपीडीआई मुख्यालय के विपरीत वाला क्षेत्र शामिल है। इन इलाकों में कई मकान बन जाने से डैम का प्राकृतिक कैचमेंट एरिया प्रभावित हुआ है। साथ ही इन इलाकों का गंदा पानी भी अब डैम में ही जा रहा है। डैम के ग्रीन एरिया में बने भवनों पर जिला प्रशासन की ओर से नोटिस भी चिपकाया गया है।

डैम की गहराई भी हुई कम

गोंदा डैम के चारों ओर अतिक्रमण होने व उसमें गाद भर जाने से डैम की गहराई कम हो गई है। प्रति दिन डैम से चालीस लाख गैलन पानी की आपूर्ति चार वार्डो में की जाती है। इसमें मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, रातू रोड का कुछ हिस्सा, बिरसा कृषि विवि., रिनपास, सीसीएल कॉलोनी गांधीनगर व सीएमपीडीआई का इलाका शामिल है।

वर्जन

गोंदा डैम को अतिक्रमण से बचाने के लिए कंटीले तारों से फेंसिंग किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एजेंसी का चयन भी कर लिया जाएगा।

तापेश्वर चौधरी, कार्यपालक अभियंता, कांके डैम, रांची

Posted By: Inextlive