कानपुर एनकाउंटर केस में चाैबेपुर थाने के पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में एक आधिकारिक आदेश के मुताबिक दस पुलिस कांस्टेबल पुलिस लाइन से चौबेपुर पुलिस थाने में स्थानांतरित किए गए हैं।


कानपुर (एएनआई)। कानुपर एनकाउंटर के बाद से चाैबेपुर थाना काफी चर्चा में हैं। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे द्वारा 3 जुलाई की रात चाैबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने के बाद चाैबेपुर थाने के कुछ पुलिस कर्मियों पर लगातार सवाल उठ रहे है। इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक (IGP) कानपुर मोहित अग्रवाल ने जानकारी दी है कि चौबेपुर पुलिस स्टेशन के सभी कर्मी कानपुर एनकाउंटर के सिलसिले में जांच के दायरे में हैं। ऐसे में अब पुलिस लाइन से दस पुलिस कांस्टेबल चौबेपुर पुलिस थाने में स्थानांतरित किए गए हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के तीन पुलिस कर्मियों को संदेह के आधार पर निलंबित कर दिया गया था कि ये लोग विकास दुबे को उसकी गिरफ्तारी के लिए आ रही पुलिस टीम के बारे में सूचना देने में शामिल थे।70 घंटे बाद भी विकास दुबे अभी पुलिस की गिरफ्त से दूर
इससे पहले कानपुर के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) विनय तिवारी को बिकरू गांव में गैंगस्टर दुबे को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी के दौरान मौके से भागने के लिए निलंबित कर दिया गया था। कानपुर आईजी ने कहा है कि यह मामला गंभीर है और इस मामले के विस्तृत जांच के लिए 40 पुलिस स्टेशनों से करीब 25 टीमों का गठन किया गया है। वहीं कानुपर के चाैबेपुर में 8 पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाला हिस्ट्रीशीटर विकास वारदात के 70 घंटे से अधिक बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। विकास दुबे की बहू क्षमा दुबे व दो अन्य लोग हुए गिरफ्तार पुलिस विकास दुबे की तलाश में उसके करीबियों पर भी पैनी नजर रखे है। सोमवार को पुलिस ने बिकरू गांव से विकास दुबे की बहू क्षमा दुबे व दो अन्य लोग गिरफ्तार हुए हैं। कहा जा रहा है कि ये सभी मुठभेड़ के दाैरान विकास दुबे को पुलिस कर्मियों के स्थान के बारे में सारी जानकारी दे रहे थे। बता दें कि करीब 50 पुलिस कर्मियों की टीम 3 जुलाई की रात विकास दुबे के आवास पर छापा मार कर उसे अरेस्ट करने पहुंची थी लेकिन वहां पर विकास दुबे व उनके साथियों ने पुलिस टीम हमला कर दिया था। इसमें 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे।

Posted By: Shweta Mishra