कानपुर का हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे गुरुवार को उज्जैन में पकड़ा गया। एमपी पुलिस और प्रशासन का कहना है मंदिर में गार्ड के पहचानने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। हालांकि कुछ लोग कह रहे कि विकास ने सरेंडर किया है। आइए जानें पूर्व डीजीपी एके जैन का क्या है कहना।


भोपाल (आईएएनएस)। पिछले एक हफ्ते से पूरी यूपी पुलिस जिस वांछित अपराधी विकास दुबे की तलाश में थी। वह गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकाल मंदिर में मिला। विकास को मध्यप्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर यूपी पुलिस और एसटीएफ को सूचना दी। विकास की गिरफ्तारी की पुष्टि एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी। यही नहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तो विकास को पकड़ने पर टि्वटर पर बधाई भी दे डाली। विकास को पुलिस ने पकड़ा है या उसने खुद सरेंडर किया है, इसको लेकर सभी अलग-अलग दावे कर रहे।विकास ने सरेंडर की योजना बनाई
यूपी के पूर्व डीजीपी अरविंद कुमार जैन ने कहा कि ऐसा लगता है कि गैंगस्टर विकास दुबे ने संभवतः मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर में अपने आत्मसमर्पण की योजना बनाई और गार्ड को अपनी पहचान का खुलासा किया जिसने फिर पुलिस को फोन किया। जैन ने कहा कि दुबे मध्य प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने की योजना के साथ उज्जैन आए, क्योंकि उन्हें डर था कि उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स उनके पीछे पड़ी है। कुछ करीबी सहयोगी पिछले दो दिनों में मारे गए थे। वह हमेशा पुलिस से दो कदम आगे था। पुलिस विभाग में उनके अच्छे संपर्क थे और कुछ राजनीतिक नेताओं के करीबी भी थे।मंदिर के लोगों का यह है कहनाविकास दुबे को मंदिर के अंदर पकड़ा गया या बाहर, इसको लेकर फिलहाल पुष्टि नहीं हो पाई है। इस बीच, मंदिर के सूत्रों ने कहा कि दुबे सुबह-सुबह महाकाल मंदिर पहुंचा। उसने पुलिस चौकी के पास एक काउंटर से 250 रुपये का टिकट खरीदा। इसके बाद वह पास की दुकान से प्रसाद लेने गया। जहां दुकान के मालिक ने उसकी पहचान की और पुलिस को सतर्क किया। जब पुलिसकर्मियों ने उससे उसका नाम पूछा, तो उसने जोर से कहा "विकास दुबे", जिसके बाद मंदिर में तैनात कर्मियों ने उसे दबोच लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि दुबे के साथ दो लोग और थे।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari