एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के फाइनेंसर जय बाजपेयी को भी रविवार रात कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस का कहना है जय ने ही बिकरु गांव में मुठभेड़ से पहले विकास के पास कारतूस और बारूद पहुंचाया था। जिसमें आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी।

कानपुर (आईएएनएस)। कानपुर का व्यापारी जय बाजपेयी जिसे कथित तौर पर गैंगस्टर विकास दुबे का फाइनेंसर भी कहा जा रहा, उसे रविवार की देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है। जय पर आरोप है कि उसने बिक्रू गांव मुठभेड़ में इस्तेमाल होने वाले गोला-बारूद विकास तक पहुंचाया था। यह मुठभेड़ 3 जुलाई को हुई थी जिसमें आठ पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। जय के अलावा एनकाउंटर में मारे गए विकास के साथी बउन दुबे के बहनोई सुशांत शुक्ला उर्फ ​​डब्लू को भी गिरफ्तार किया गया है।

आर्म्स एक्ट और आपराधिक साजिश का मामला दर्ज
पुलिस का कहना है, डब्लू के मोबाइल लोकेशन से पता चलता है कि वह उस वक्त बिकरु गांव में ही मौजूद था। जब विकास दुबे के गुर्गे पुलिस पर हमला कर रहे थे। एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार प्रभु, ने बताया, जय बाजपेयी और डब्लू के खिलाफ आर्म्स एक्ट और 120 बी के तहत आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी में गायब हुए 20 से अधिक कारतूस पाए गए और जय बाजपेयी लापता गोला-बारूद उनके घर पर कैसे आया, इसका जवाब नहीं दे पाए।

विकास दुबे को भगाने में की थी मदद
सूत्रों ने कहा कि कार की जांच कर रहे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यह भी पाया है कि जय बाजपेयी ने आरोपी व्यक्तियों की मदद के लिए वाहनों की व्यवस्था की। बिकरु गांव में मुठभेड़ के बाद जब विकास दुबे की गैंग फरार हुई तो जय ने तीन लक्जरी कारों की व्यवस्था की। मगर पुलिस की सख्ती देख उन्हें कानपुर में लावारिस छोड़ दिया गया था। जय बाजपेयी को पुलिस ने कथित रूप से 3 जुलाई की घटना के एक दिन बाद उठाया था और गहन पूछताछ की गई थी। रविवार शाम को जय घर लौट आया था मगर देर रात पुलिस ने उसे फिर गिरफ्तार कर लिया।

कौन है जय बाजपेयी
जय बाजपेयी के बारे में कहा जाता है कि वह विकास दुबे का खजांची था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले एक साल में दोनों के बीच छह बैंक खातों के जरिए 75 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। दोनों कथित तौर पर सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे। सूत्रों का कहना है कि जय बाजपेयी ने कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के संपर्क में भी रहता था।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari