-कोरोना वायरस पेशेंट की वजह से लखनऊ, वाराणसी व आगरा की थोक दवा मार्केट पिछले महीने ही बन्द हो गई थीं

-कानपुर ने उठाया फायदा, सोशल डिस्टेंसिंग को मेनेटेन रखने के साथ ही मेडिसीन सप्लाई की चेन को रखा बरकरार

KANPUR: कोविड 19 में कानपुर सिटी व आसपास के दर्जनों सिटीज में मेडिसीन सप्लाई की चेन को कानपुर थोक दवा मार्केट ने बरकरार रखा है। यही कारण है कि लॉकडाउन के दौरान मेडिसीन सप्लाई में कानपुर यूपी में नंबर वन पर है। इसका मुख्य कारण यह भी रहा है कि लॉकडाउन के शुरुआती दौर में ही आगरा, लखनऊ व वाराणसी की थोक दवा मार्केट में कोरोना पेशेंट मिलने से पूरी मार्केट बंद कर दी गई थी। कानपुर थोक दवा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी ने बताया कि व्यापारियों व प्रशासन के सपोर्ट से हम लोगों ने मेडिसीन सप्लाई की चेन को बरकरार रखा है। जिससे कानपुराइट्स समेत आसपास के दो दर्जन से अधिक सिटीज व तहसीलों में जीवन रक्षक दवाओं की क्राइसेस लॉकडाउन के दौरान नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि सोशल डिस्टेंिसंग को फॉलो करते हुए डेली मार्केट खुल रही है। जिससे आगे भी मेडिसीन की सप्लाई चेन बरकरार रहे।

इन जिलों व तहसील में सप्लाई

थोक दवा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी बताते हैं कि कानपुर की थोक दवा मार्केट आसपास जिलों व तहसीलों में सबसे बड़ी मार्केट है। जहां कानपुर थोक दवा मार्केट से ही डेली करोड़ों रुपए की दवाएं सप्लाई होती हैं। उन्होंने बताया िक कानपुर थोक दवा मार्केट से कन्नौज, फर्रुखाबाद, घाटमपुर, बिल्हौर, फतेहपुर, उन्नाव, इटावा, हरदोई, रायबेरली, लालगंज, हमीरपुर, बांदा, समेत आदि जिलों व तहसीलों में बिरहाना रोड स्थित थोक दवा मार्केट से ही दवाओं की सप्लाई होती हैं।

अहमदाबाद से आ रही दवाएं

थोक दवा व्यापारियों के मुताबिक लॉकडाउन के शुरुआती दौर में बीपी, हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवाएं अहमदाबाद से सप्लाई नहीं हो पा रही थीं। रेलवे के कोविड 19 रिलीफ गुड्स ट्रेनों का संचालन करने से दवाओं की सप्लाई अब आसानी से हो रही है। व्यापारियों के मुताबिक हार्ट से जुड़ी बीमारियों व बीपी की दवाओं का हब अहमदाबाद ही है। गुड्स ट्रेनों की वजह से लॉकडाउन के दौरान भी चार से पांच दिनों में दवाओं की सप्लाई हो रही है। जिससे कानपुराइट्स को इन दवाओं की क्राइसिस फेस नहीं करनी पड़ रही है।

ऑड एंड इवन फॉर्मूले से

बिरहाना रोड थोक दवा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सैनी ने बताया कि लखनऊ, आगरा व वाराणसी जैसे हालात कानपुर की थोक दवा मार्केट के सामने न आए। इसलिए यहां सोशल डिस्टेंिसंग का अधिक से अधिक फॉलो कराया जा रहा है। व्यापारियों की मंजूरी से मार्केट में ऑड एंड इवन प्लानिंग के तहत दुकानों को खोला जा रहा है। यानी एक दुकान खुली है तो उसके बगल वाली दुकान उस दिन बंद रहेगी। इससे खरीददार फुटकर व्यापारियों को काफी स्पेस मिल जाता है।

3 हजार से अधिक मेडिसिन की रिटेल शॉप्स

300 से अधिक थोक दुकानें दवा मार्केट में

2 दर्जन से अधिक सिटीज व तहसीलों में सप्लाई

1 करोड़ रुपए का डेली कोरोबार थोक दवा का

2 हजार फुटकर व्यापारी डेली थोक मार्केट में आते

Posted By: Inextlive