-बारिश में छलनी हो गई हैं शहर की रोड्स, उखड़ी गिट्टियां वाहन सवारों के लिए बनीं मुसीबत, हर तरफ छाया धूल का गुबार

-एयर पॉल्यूयशन बढ़ाने के साथ ही लोगों की आंखों में खुजली व जलन, खांसी, कैंसर तक का कारण बना रही यह धूल

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KANPUR : सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही शहर में धूल का 'कोहरा' छाने लगा है। इसके पीछे का कारण बारिश के बाद खराब हुई सड़कों को न बनाया जाना है। नगर निगम ने पैचवर्क के नाम पर बिल्डिंग मैटिरियल से गड्ढों को भरने के बाद धूल में दोगुनी बढ़ोत्तरी हो गई है। इस सीजन में सड़कों पर निकलते ही आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, अक्सर खांसी आना, शरीर में खुजली होने लगती है। इसकी वजह पॉल्यूशन है, जो आंख, सांस की बीमारी से लेकर कैंसर तक की वजह बन रहा है।

ऐसे पहचाने पॉल्यूशन के नुकसान

-अगर आपको अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगे, सांस खींचने में जोर लगाना पड़े तो समझ जाएं कि आप पॉल्यूशन की गिरफ्त में हैं।

-अचानक आपकी आंखों से पानी आने लगे या आंख में जलन और खुजली होने लगे तो समझ जाना चाहिए कि आपकी आंखें पॉल्यूशन नहीं सह पा रही।

-आप घर से सही-सलामत निकले और अचानक सड़क पर आते ही गले में खिच-खिच या जलन महसूस होने लगे तो इसकी वजह पॉल्यूशन हो सकता है।

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इन गैसों को असर ज्यादा

1. ओजोन: अगर हवा में ओजोन की मात्रा बढ़ जाती है तो यह फेफड़ों के काम करने की क्षमता को सीधा प्रभावित करती है।

2. नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड: ब्रोंकाइटिस की प्राब्लम बढ़ जाती है और लगातार इस गैस के संपर्क में रहने से बच्चों में सांस व मेमोरी भी इफेक्टेड होती है।

3. सल्फर डाई ऑक्साइड: इसका सीधा असर आंखों और सांस की नली पर होता है। आंखों में खुजली और सांस की नली में जलन महसूस होने लगती है।

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पॉल्यूशन से होती हैं ये बीमारियां

आंखों पर असर

जो लोग फैक्टरी के पास या फिर ज्यादा पॉल्यूशन वाले इलाके में रहते हैं, उनकी आंखें अक्सर लाल हो जाती हैं, जलन होती है, पानी आने लगता है, खुजली होती है और ड्राईनेस की शिकायत रहती है।

स्किन और बालों पर असर

पॉल्यूशन से बालों का टेक्सचर खराब होता है और बाल गिरने लगते हैं। डैंड्रफ भी बढ़ जाती है। बालों की चमक खोने लगती है। इसी तरह स्किन पर दाग-धब्बे हो जाते हैं और वह रूखी व बेजान लगती है।

दिल पर प्रभाव

ज्यादा प्रदूषित इलाके में रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक के खतरे ज्यादा होते हैं। हार्ट से जुड़ी दूसरी समस्याओं की आशंका भी बढ़ जाती है।

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ऐसे कम करें घर का पॉल्यूशन

-अक्सर हम घर में प्लास्टिक के सजावटी पौधे सजाते हैं। इन पर धूल जमती है जो हमें साइनस और एलर्जी देती है। इनको हटाकर नैचुरल पौधे लगाएं।

-हम घर में दीया और अगरबत्ती, कपूर आदि जलाते हैं, लेकिन घर में जितना धुआं होगा, हमारा घर उतना अशुद्ध होगा। जिस भी चीज को जलाने पर कार्बन (कालिख) निकलता है, वह सेहत के लिए नुकसानदेह है।

-घर में साफ-सफाई के साथ-साथ गद्दे-तकिये को भी समय-समय पर धूप में रखें। इनके कवर बदलते रहे।

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आयुर्वेद में भी कारगर उपाय

- नीम की पत्तियों को पानी में उबाल कर नहाएं और रात में सोने से पहले इस पानी से चेहरा धोएं तो पॉल्यूशन का असर कम होगा।

-नीम की तीन-चार पत्तियां सुबह-सुबह खाएं। ये हमारे खून को साफ करने में मदद करती हैं।

- घर में तुलसी लगाएं। तुलसी घर के पॉल्यूशन को कम करती है। हर दिन तुलसी की चार-पांच पत्तियों का खाने से सांस की नली साफ रहती है।

- एक चम्मच हल्दी आधा चम्मच घी या शहद के साथ सुबह-सुबह खाली पेट लेने से कई बीमारियां दूर रहती हैं।

- गाय के घी की 2-3 बूंदें सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले, नाक के दोनों छेदों में डालें तो नाक पर पॉल्यूशन का असर कम होगा।

- गिलोय का जूस खाली पेट पिएं या फिर आधा चम्मच हल्दी के साथ लें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

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ये है मंडे को पॉल्यूशन का हाल

पॉल्यूशन का हाल- पुअर (अनहेल्दी)

पार्टिकल 6 बजे तक हाल मिनिमम मैक्सिमम

पीएम 2.5- 339 115 365

ओजोन 111 5 93

एनओटू 19 36 192

एसओटू 7 12 114

Posted By: Inextlive