- माननीयों के फर्जी लेटर हेड से ट्रेनों में वीआईपी कोटे की बर्थ हथियाने वालों पर रेलवे ने कसा शिकंजा

- वीआईपी कोटे के नियमों में किए कई बदलाव, लेटर हेड में देनी होगी पैसेंजर की पूरी डिटेल

KANPUR। ट्रेनों में माननीयों को मिलने वाली वीआईपी कोटे की बर्थ पाना अब आसान नहीं होगा। क्योंकि रेलवे ने वीआईपी कोटे की बर्थ को लेकर नियमों में कुछ बदलाव किए हैं। ये फैसला माननीयों का फर्जी लेटर लगाकर बर्थ हासिल करने वाले जालसाजों पर शिकंजा कसने के लिए लिया गया है। आपको बता दें कि बीते दिनों कानपुर समेत पूरे देश में कई स्थानों में माननीयों के फर्जी लेटर हेड रेलवे को मिले थे। जिसको गंभीरता से लेते हुए रेलवे ने तत्काल प्रभाव से नए नियमों को लागू करने के आदेश सभी रीजन आफिसर्स को दिए हैं।

फेक सिग्नेचर की हो सके पहचान

रेलवे आफिसर्स के मुताबिक नए नियमों के मुताबिक अब माननीयों को आइडेंटिटी नंबर, उनके आफिस का टेलीफोन नंबर, निजी सहायक का मोबाइल नंबर व अधिकारिक लेटर हेड की कॉपी भेजनी होगी। जिससे वह फर्जी साइन वाले लेटर हेड को आसानी से पकड़ सकें। आफिसर्स के मुताबिक रूल्स में किए गए बदलाव की एक कॉपी सभी माननीयों को भेज दी गई है। जिससे उनको परेशानी न हो।

एक दिन में दर्जनों वीआईपी लेटरहेड

कानपुर सेंट्रल में वीआईपी कोटे में कार्यरत एक आफिसर के मुताबिक एक दिन में कई माननीयों के लेटर हेड लगते हैं। कुछ लेटर हेड में माननीयों के साइन नहीं होते हैं। जिनको उनके पीए को फोन करके क्लियर किया जाता है।

देनी होगी पूरी डिटेल

एनसीआर सीपीआरओ अजीत कुमार ने बताया कि नए नियमों के मुताबिक अगर माननीय अपने रिलेटिव के लिए वीआईपी कोटे की मांग कर रहे हैं तो उनको एप्लीकेशन में पैसेंजर की पूरी डिटेल मेंशन करनी होगी। उनका फोन नंबर भी देना होगा। जिससे रेलवे आफिसर्स आसानी से पहचान कर सकें।

डाटा

389 ट्रेनों का डेली अपडाउन

50 से ज्यादा ट्रेनों में डेली लगते हैं वीआईपी कोटा

12 घंटे पहले लगाया जाता है वीआईपी कोटा

5 परसेंट वीआईपी कोटा होता है एक ट्रेन में

कोट

रेलवे बोर्ड ने माननीयों के नाम पर जालसाजों के किए जाने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए वीआईपी कोटे के नियमों में बदलाव किया है।

- अजीत कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनसीआर

Posted By: Inextlive