- सिजेरियन डिलीवरी की ट्रेनिंग का नोडल सेंटर बना जीएसवीएम का ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट, आईसीएमआर ने नार्मल डिलीवरी को बढ़ाने के लिए भी दिया प्रोजेक्ट

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KANPUR:

डिलीवरी से जुड़ी प्रॉब्लम्स की वजह से होने वाली बच्चे और मां की मौतों को रोकने के लिए आईसीएमआर ने जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट को बड़ी जिम्मेदारी दी है। डिपार्टमेंट की फैकल्टी ने सिर्फ डॉक्टर्स को सही तरह से सिजेरियन डिलीवरी को लेकर ट्रेनिंग देगी। बल्कि इसको लेकर एक लाइन ऑफ ट्रीटमेंट भी तय करेगी। साथ ही एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार करेगी। आईसीएमआर ने इसके लिए ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट को यूपी का नोडल सेंटर बनाया है। इसी के साथ प्रेगनेंट महिलाओं में नॉर्मल डिलीवरी को बढ़ाने के लिए भी एक बड़ा प्रोजेक्ट डिपार्टमेंट को ि1मला है।

ट्रेनिंग के साथ गाइडलाइन भी

यूपी में मेटर्नल मार्टेलिटी रेट बीते 20 सालों में काफी कम हुआ है। इसके बाद भी यह नेशनल एवरेज से ज्यादा है। यूपी में इंस्टीटयूशनल डिलीवरी भी बढ़ी है। इसके बाद भी मेटर्नल मार्टेलिटी में उतनी कमी नहीं आई जिनकी उम्मीद थी। इसी को देखते हुए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च की ओर से जीएसवीएम मेडिकल कालेज के ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट को एक प्रोजेक्ट दिया गया है। जिसमें सिजेरियन डिलीवरी को लेकर लेडी डॉक्टर्स को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें यूपी की सीएचसी,पीएचसी से लेकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल्स की डॉक्टर्स भी शामिल होगी। ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट की हेड प्रो। किरन पांडेय ने बताया कि ट्रेनिंग के साथ सिजेरियन डिलीवरी के केसेस को कैसे हैंडल करना है। और ऐसी प्रेनगेंट महिलाओं की स्क्रीनिंग से लेकर सिजेरियन डिलीवरी का एक प्रोटोकॉल भी तैयार किया जाएगा। साथ ही हाई रिस्क प्रेगनेंसी के केस को कैसे हैंडल किया जाए। इसके बारे में भी बताया जाएगा। ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट इस प्रोजेक्ट का नोडल सेंटर बनाया गया है।

नार्मल डिलीवरी की भी मिलेगी ट्रेनिंग

प्रो.किरन पांडेय के मुताबिक सिजेरियन डिलीवरी के बढ़ते केसेस को कम करने के लिए इंस्टीटयूशनल डिलीवरी के दौरान असिस्टेट वैजाइनल डिलीवरी को भी प्रमोट किया जाएगा। नार्मल डिलीवरी को प्रमोट करने के लिए भी एक प्रोजेक्ट आईसीएमआर से मिला है।

फैक्टफाइल-

201- यूपी में मेटर्नल मार्टेलिटी रेट, प्रति एक लाख महिलाओं में

30 परसेंट- टोटल मार्टेलिटी डेथ यूपी में आल इंडिया का

68 परसेंट- ही इंस्टीटयूशनल डिलीवरी यूपी में

'दो प्रोजेक्ट आईसीएमआर से मिले हैं। सिजेरियन और नार्मल डिलीवरी के केसेस को लेकर इसमें ट्रेनिंग से लेकर गाइडलाइन तैयार की जाएगी। इसके लिए डिपार्टमेंट को नोडल सेंटर बनाया गया है.'

- प्रो। किरन पांडेय, एचओडी, ऑब्स एंड गायनी डिपार्टमेंट, जीएसवीएम मेडिकल कालेज

Posted By: Inextlive