-क्या पूरा है हिंदू महासभा के नेता के मर्डर का खुलासा?

-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पड़ताल में खुलासा, कानपुर में कातिलों की मदद करने वाले कई लोगों को तलाश रही एसटीएफ

KANPUR :

लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के मर्डर से पूरे यूपी में घमासान मचा है। आनन-फानन में कई राज्यों की पुलिस समेत स्पेशल टीमों ने कातिलों को गिरफ्त में ले लिया है, लेकिन उनका कानपुर कनेक्शन अभी भी एसटीएफ खोज रही है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने अपनी पड़ताल के दौरान जब एसटीएफ के सीनियर ऑफिसर्स से बात की तो उन्होंने इशारा किया कि कानपुर में कातिलों के एक नहीं कई मददगार मौजूद हैं। एसटीएफ समेत अन्य इंवेस्टिगेटिव एजेंसियों ने ये पता कर लिया है कि कातिलों ने कानपुर के रास्ते लखनऊ जाने का रास्ता चुना था, लेकिन उन्होंने ऐसा क्यों किया? इस मामले में एजेंसियां जांच कर रही हैं।

इशारा कर रहे परिस्थिति जन्य साक्ष्य

जांच एजेंसियों के मुताबिक लखनऊ में हिंदू महासभा के नेता का कत्ल करने वाले हत्यारे गुजरात से आए थे। हत्या की साजिश भी गुजरात में रची गई थी, लेकिन कातिल गुजरात से सीधे लखनऊ न जाकर कानपुर आए थे। यहां पर कातिलों ने मोबाइल और सिम भी खरीदा था। इसके बाद वे बाई रोड लखनऊ गए थे। ऐसे में कानपुर के कई लोगों ने उनकी मदद की। एसटीएफ ऑफिसर्स के मुताबिक कातिलों ने वारदात को अंजाम देने के लिए फुलप्रूफ प्लानिंग की थी, ये इत्तेफाक नहीं है। जांच एजेंसियों ने कातिलों को मोबाइल और सिम के साथ ही लखनऊ जाने के लिए कैब दिलाने वालों की पड़ताल कर रही है। एसटीएफ ये भी पता कर रही है कि इस प्लान को अंजाम देने में इनके अलावा कौन-कौन शामिल था।

गाड़ी, ड्राइवर का पता लगा रही एजेंसी

दोनों कातिल वारदात को अंजाम देने के बाद नेपाल भागने की फिराक में थे। ये जानकारी एसटीएफ को मिल चुकी है। इस दौरान उन लोगों ने इनोवा कार को बुक किया था। जांच एजेंसियों ने इनोवा कार मालिक और ड्राइवर का पता लगाकर उनसे पूछताछ की तो उनको कई अहम जानकारियां मिल गई? इसी तरह कातिल कार बुक कर कानपुर से लखनऊ गए थे। एसटीएफ का मानना है कि अगर वे उस कार और ड्राइवर का पता लगा लेंगे तो उनको ड्राइवर से मददगार के बारे में पता चल जाएगा।

रिमांड में सच्चाई आएगी सामने

कातिलों का कानपुर कनेक्शन खंगालने के लिए एसटीएफ की कानपुर यूनिट पड़ताल कर रही है। उनको कुछ क्लू भी मिल गए हैं, लेकिन अभी मददगार की पहचान नहीं हो पाई है। इस बीच मंगलवार को दोनों कातिलों के गिरफ्तार होने से एसटीएफ को जल्द ही मददगार की पहचान होने की उम्मीद है। एसटीएफ अफसरों का मानना है कि कातिलों को पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर लिया जाएगा। जिसमें वे कातिलों से मददगार का नाम उगलवा लेंगे।

Posted By: Inextlive