RANCHI: कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण से पहले किए गए सर्वे पर सवाल उठ रहे हैं। जल्दबाजी में मकान ढाहे गए हैं। जाहिर है यदि सर्वे में सबकुछ ठीक-ठाक रहता तो अधिकारियों को निर्माण स्थल के नीचे पानी की मेन पाइपलाइन होने की जानकारी भी होती और सैकड़ों परिवारों को कम से कम मानसून से पहले प्री मानसून में ही बेघर न होना पड़ता। जिला प्रशासन के बुलडोजरों के नीचे आए मकानों के इन टुकड़ों को समेटने में पीडि़त परिवारों के बुजुर्ग मुखिया से लेकर छोटे बच्चे तक लगे हैं। बेबश हैं, कानून और प्रशासन के दहशत में हैं, लेकिन इंसाफ के लिए इतना तो जानना ही चाहते हैं कि यदि काम शुरू करने में अभी 6 माह से ज्यादा वक्त लगेगा तो फिर मकानों को जमींदोज करने की इतनी जल्दी क्यों थी। कम से कम बरसात तक तो छत नसीब हो जाती।

सरकार को किया गुमराह

सरकार से फ्लाईओवर निर्माण के लिए फंड आवंटन कराने हेतु अधिकारियों ने राज्य व केन्द्र सरकार को गुमराह कर फ्लाईओवर की सर्वे रिपोर्ट तैयार की है। कार्य का इस्टीमेट बनने से पहले ही जमीन की मापी, स्वाइल टेस्टिंग समेत कई आवश्यक प्रक्रियाएं होती हैं जिनका निष्पादन करने के बाद ही टेंडर किया जाता है लेकिन कांटाटोली फ्लाईओवर का टेंडर होने के बाद अधिकारियों ने यह खुलासा किया कि सड़क के नीचे पानी की मेन पाइपलाइन है, जिसे हटाने के बाद ही कार्य की प्रगति संभव है। अब उस पाइपलाइन को हटाने के लिए लगभग से 7.2 करोड़ का टेंडर जारी किया जा रहा है। इस टेंडर का काम खत्म होने के बाद ही फ्लाईओवर का काम फूल फ्लेज्ड में चालू हो पाएगा।

गहरा सकता है बिजली -पानी संकट

सड़क के नीचे से पानी की पाइपलाइन को हटाने के लिए टेंडर किया जा रहा है। गरमी अभी पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुई है और लोगों को पानी देने में सरकार पहले ही फेल हो चुकी है। ऐसे में पाइपलाइन हटाने का काम ग्राउंडवाटर लेवल नार्मल होने से पहले शुरू किया गया तो इलाके में पानी का भारी संकट हो जाएगा। इतना ही नहीं, बिजली के पोल को पीछे खिसकाने में भी काफी चुनौतियां हैं।

गुस्से में हैं लोग, अनदेखी का आरोप

सरकार और विभाग की इस लापरवाही और अनदेखी पर स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि हमलोगों ने पहले ही कहा था कि पाइपलाइन को पहले हटा दें, उसके बाद लोगों को बेदखल करें। लेकिन किसी ने फरियाद नहीं सुनी और इमारतों को जमींदोज करने के बाद अब टेंडर करने की बात कर रहे हैं।

क्या कहते हैं स्थानीय लोग

मैं और मेरे पिताजी सुरेश पोद्दार ने काफी प्रयास किया। मंत्री से लेकर अधिकारी तक फरियाद लगाई। उनसे कहा कि पहले बिजली -पानी की तो व्यवस्था कर लें। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। अब जब सबकुछ बर्बाद कर दिया है तो कह रहे हैं कि पहले पाइपलाइन हटाएंगे। हमलोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं।

-सुमित पोद्दार, स्थानीय निवासी

पानी की पाइपलाइन को हटाने में भी कई घरों के सामने की सड़क काटनी पड़ेगी। पाइप इतनी पुरानी है कि थोड़ा-सा प्रेशर पड़ने से ही डैमेज हो जा रही है। इस काम को करने में कम से कम साल भर लगेगा। तब तक लोगों को बेघर कर सरकार आखिर क्या हासिल कर ली।

-मो। नवाब खान, स्थानीय निवासी

Posted By: Inextlive