कांटाटोली फ्लाईओवर

- काम के आड़े आ गई फंड की कमी

- 192 करोड़ का बजट अब हुआ 257 करोड़ का

- प्रशासनिक स्वीकृति के लिए योजना प्राधिकृत समिति को भेजा गया है प्रस्ताव

रांची। नगर विकास विभाग और जुडको के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा शहर के लोग भुगत रहे हैं। बिना किसी तैयारी के कांटाटोली फ्लाईओवर का काम शुरू कर दिया गया और अब बीच में ही काम रोक दिया गया है। आलम यह है कि फिर से डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में बदलाव किया जा रहा है। इस कारण प्रोजेक्ट का कॉस्ट भी बढ़ गया। अब तय समय सीमा के भीतर काम पूरा होना मुश्किल हो गया है।

बिना तैयारी के काम शुरू किया

प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि कोई भी फ्लाईओवर का काम शुरू करने से पहले यूटिलिटी से जुड़ी सभी चीजें, जो रोड के किनारे से होकर गुजरती है, उसे शिफ्ट किया जाता है। डायवर्सन रोड बनाया जाता है। पाइप लाइन शिफ्ट किया जाता है, केबल और बिजली का पोल शिफ्ट किया जाता है। उसके बाद मेन ब्रिज का काम शुरू होता है। लेकिन इस ब्रिज के साथ सब कुछ गड़बड़ हुआ है। बिना किसी तैयारी के ब्रिज का काम शुरू कर दिया गया। अब पाइप शिफ्ट करने का काम किया जा रहा है। अभी भी पाइप शिफ्ट होने में समय लग रहा है। इसमें अभी 15 दिन का और वक्त लगने वाला है।

प्रोजेक्ट की लागत बढ़ गयी

निर्माणाधीन कांटाटोली फ्लाईओवर का काम फि लहाल रोक दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि परियोजना की लागत राशि में बढ़ोतरी हो गयी है। यह बढ़ोतरी फ्लाईओवर के लिए बने पूर्व के डीपीआर में कई स्तरों पर हुए बदलाव को लेकर हुई है। बताया जा रहा है कि पुराने डीपीआर में जहां निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर करीब 192 करोड़ रुपये खर्च होने थे, वहीं अब यह राशि 257 करोड़ रुपये हो गयी है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने बढ़ी हुई राशि की स्वीकृति से संबंधित प्रस्ताव योजना प्राधिकृत समिति को भेजा है। निर्माणाधीन प्लाईओवर की लंबाई में भी वृद्धि होने के कारण लागत राशि बढ़ गयी है।

डीपीआर में होगा बदलाव

पहले कांटाटोली फ्लाईओवर की लंबाई 905 मीटर थी, जिसे अब बढ़ा कर 1250 मीटर कर दिया गया है। यदि आचार संहिता लगने के पहले बढ़ी हुई राशि की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिलती है, तो फ्लाईओवर का काम लंबे समय तक रुक सकता है। जुडको के एक अधिकारी का कहना है कि फ्लाईओवर निर्माण के लिए डीपीआर मेकॉन ने तैयार किया था। जब फ्लाईओवर निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू की गयी, तो कई स्तरों पर त्रुटियां मिलीं, जो भविष्य के लिए परेशानियों का सबब बन सकती थीं। उक्त समस्याओं को देख कर विभागीय आदेश पर मेकॉन ने पूर्व में तैयार प्राक्कलन को पुनरीक्षित किया। जब फ्लाईओवर के लिए पाइपलाइन शिफ्टिंग की प्रकिया मदनलाल बजाज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने शुरू की, तो उक्त समस्याओं को देखते हुए योजना की लागत राशि में पुनरीक्षण की आवश्यकता महसूस हुई।

दोगुना बढ़ी लागत

कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण में चार प्रमुख कम्पोनेंट हैं। इसमें एक फ्लाईओवर कंस्ट्रक्शन, दूसरा इलेक्ट्रिकल वर्क, तीसरा पाइपलाइन शिफ्टिंग और चौथा भूमि अधिग्रहण है। इसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी फ्लाईओवर कंस्ट्रक्शन में हुई है। इसमें पहले 40 करोड़ रुपये में एग्रीमेंट किया गया था, जो कि अब बढ़ कर दोगुना यानी करीब 82 करोड़ रुपये हो गया है। इसे देख कर फ्लाईओवर परियोजना काम में लगे टेक्निकल विंग ने विभाग से प्रशासनिक स्वीकृति की मांग की है।

वर्जन

डायवर्सन का काम पूरा होने के बाद पाइपलाइन, केबल शिफ्टिंग का काम भी हो रहा है। साथ ही प्रोजेक्ट का कॉस्ट भी बढ़ गया है, इस पर काम हो रहा है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।

बिरेंद्र कुमार, जीएम, जुडको, रांची

Posted By: Inextlive