उत्तराखंड में 24 जुलाई से 6 अगस्त तक हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट को बैरिकेड्स लगाकर कांवड़ियों के लिए सील कर दिया जाएगा। यह फैसला हरिद्वार में हुई अंतर्राज्यीय सीमा बैठक के दौरान लिया गया है। बता दें कि हाल ही में राज्य सरकार ने कोविड-19 महामारी की वजह से इस साल की कांवड़ यात्रा रद कर दी है।


देहरादून (एएनआई)। Kanwar Yatra 2021 : कोविड-19 के कारण रद की गई कांवड़ यात्रा को देखते हुए 24 जुलाई से 6 अगस्त तक हरिद्वार में हर की पौड़ी घाट को बैरिकेड्स लगाकर कांवड़ियों के लिए सील कर दिया जाएगा। यह फैसला हरिद्वार में हुई अंतर्राज्यीय सीमा बैठक के दौरान लिया गया जिसमें उत्तर प्रदेश, हिमाचल, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा के अधिकारी मौजूद थे। हरिद्वार के एसएसपी सेंथिल ए कृष्णराज एस ने कहा कि बाहर से आने वाले स्थानीय और अन्य यात्रियों के लिए कोई प्रतिबंध नहीं होगा। हालांकि 72 घंटे के भीतर की कोविड-19 की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट वाले यात्रियों को ही अनुमति दी जाएगी।कांवड़ियों के लिए हर की पौड़ी पूरी तरह से सील रहेगी


बैठक में निर्णय लिया गया है कि चेतावनी के बावजूद हरिद्वार जाने वाले कांवड़ियों के लिए जिले की सीमाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसी क्रम में 24 जुलाई से 6 अगस्त तक कांवड़ियों के लिए हर की पौड़ी पूरी तरह से सील रहेगी। वहीं दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने 17 जुलाई को इस साल के लिए कांवड़ यात्रा रद की है।

शिव भक्त गंगा से जल इकट्ठा करने के लिए आते हैं

कांवड़ यात्रा, जिसमें उत्तरी राज्यों के शिव भक्त पैदल या अन्य साधनों से हरिद्वार में गंगा से जल इकट्ठा करने के लिए आते हैं। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू होने वाली थी। कांवड़ यात्रा भगवान शिव के भक्तों की एक वार्षिक तीर्थयात्रा है जो उत्तराखंड में हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री और बिहार के सुल्तानगंज के हिंदू तीर्थ स्थलों में गंगा नदी के पवित्र जल को लाने के लिए है। इसके बाद इस पवित्र जल को मंदिरों में भगवान शिव के प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

Posted By: Shweta Mishra