करवा चौथ में सुहागिन अखण्ड सौभाग्य-समृद्धि की कामना से दिनभर निर्जला व्रत करते हुए रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती हैं।

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को मनाया जाने वाला पर्व करवा चौथ इस वर्ष 27 अक्टूबर, शनिवार को होगा। करवा चौथ का व्रत गृहस्थ-जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है। इस व्रत को महिलाएं पारिवारिक सुख-समृद्धि एवं सामनजस्य के लिए करती हैं।

शुभ मुहूर्त


सुहागिन अखण्ड सौभाग्य-समृद्धि की कामना से दिनभर निर्जला व्रत करते हुए रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती हैं। इस वर्ष चन्द्र-उदय रात्रि (शाम) 7:38 पर होगा किन्तु भद्रा होने के कारण चंद्रमा को अर्घ्य देने का मुहूर्त रात्रि 8:58 के बाद है।

विवाहित स्त्रियां इस दिन 16 श्रृंगार कर शिव, शिवा, गणेश, मंगल ग्रह के अधिपति तथा देवताओं के सेनापति भगवान कार्तिकेय एवं चंद्रमा की विधिवत पूजा-अर्चना करती हैं। पकवान से भरे 10 करवे गणेश जी के समक्ष रख कर प्रार्थना करने से परिवार में सुख-समृद्धि का विस्तार होता है।

चन्द्रमा को अर्घ्य देने का मंत्र


एहि चन्द्र शीतलांशो तेजो राशे जगतपते।                       

अनुक्म्प्य्म माम देव गृहण अर्घ्यम सुधाकर:।।                 

प्रार्थना मंत्र—

दधि शंख तुषाराभम क्षिरोदार्ण्व संभवम।

नमामि शशिनम चंद्रम श्म्भोर्मुकुट भूषणम।।

— ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट

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Posted By: Kartikeya Tiwari