GORAKHPUR: अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखने वाली महिलाएं जहां व्रत की सामग्री खरीदने में जुटी रहीं। वहीं श्रृंगार के लिए मेहंदी से लेकर रंग-बिरंगी साडि़यों की खरीदारी भी खूब हुई। पं। शरद चंद्र मिश्रा बताते हैं कि करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्थी को किया जाता है। इस वर्ष क्7 अक्टूबर को करवा चौथ पड़ रहा है। इस दिन सूर्योदय म् बजकर क्7 मिनट पर और चतुर्थी तिथि का मान सम्पूर्ण दिन और रात्रिशेष भ् बजकर ख्8 मिनट तक है। कृतिका नक्षत्र दिन में फ् बजकर ख्भ् मिनट तक है। उसके बाद रोहिणी नक्षत्र सुहागिनों के लिए अहम माना गया है।

सुहागिन रहती हैं इस दिन निर्जला व्रत

ज्योर्तिविद प। नरेंद्र उपाध्याय बताते हैं कि चन्द्रमा नक्षत्रों में रोहिणी नक्षत्र को अत्यधिक प्रेम करता है। उसकी स्थिति इसी नक्षत्र पर होने से वह प्रेम प्रवर्धन की समृद्धि करने वाला योग निर्मित कर रहा है। यह व्रत सुहागिन स्त्रियां अपने पति के मंगल और समृद्धि के लिए करती हैं। इस व्रत में सुहागिन स्त्रियां इस दिन चन्द्रमा निकलने तक निर्जला व्रत करती हैं। दिनभर भजन तथा मांगलिक एवं सात्विक कार्यो में व्यतीत रहती हैं और शाम से ही चंद्र दर्शन और उसे अ‌र्घ्य देने की तैयारी करती हैं । उन्होंने बताया कि इस व्रत में चन्द्रमा को अ‌र्घ्य देने तक कुछ भी नहीं खाया जाता है, लेकिन बहुत सी स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व प्रात:काल ब् बजे सरगी खाती हैं जो स्त्री के मायके से आता है। पं। शरद चंद्र मिश्रा बताते हैं कि करवाचौथ के दिन क्7 अक्टूबर को चन्द्रोदय 7 बजकर भ्9 मिनट पर है। इसी समय अ‌र्घ्य दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive