जंगमबाड़ी मठ के शतमानोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को शामिल होंगे। उनकी आगवानी में 101 वाद्य यंत्र गूंजेंगे। मठ ने वादक और नर्तक विशेष रूप से कर्नाटक से बुलाया है।

वाराणसी (ब्यूरो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 फरवरी को जब वीर शैव महाकुंभ में शामिल होने ज्ञान सिंहासन पीठ जंगमबाड़ी आएंगे तो उनकी अगवानी में 101 वाद्य यंत्र गूंजेंगे। इसके लिए मठ प्रबंधन ने कर्नाटक से विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों के साथ वादकों और नर्तकों को बुलाया है। वाद्य यंत्र में जहां चित्र वीणा, घटम्, बांसुरी आदि होंगे तो लोक नृत्य के जरिए श्रद्धा-भक्ति का चटख रंग भी नजर आएगा। इसमें वीरेश्वर संप्रदाय का डोलू कुनिथा नृत्य खास होगा जो फूलों से सजे ड्रम के आकार के वाद्य यंत्रों पर थिरकने को विवश कर जाएगा।

एप करेंगे लांच

मठ में मनाए जा रहे वीर शैव महाकुंभ के तहत शनिवार सुबह वीर शैव परंपरा के पंचों पीठाधीश्वरों के सानिध्य में निकलने वाली शोभायात्रा में इसका रिहर्सल भी होगा। शिव सिद्धांत व शिव भक्ति के प्रचार-प्रसार में जुटी काशी ज्ञानसिंहासन पीठ की ओर से मकर संक्रांति पर शुरू हुए शतमानोत्सव में शामिल होने आ रहे पीएम जंगमबाड़ी मठ में सिद्धांत शिखामणि ग्रंथ का शिवार्पण करने के साथ ही मोबाइल एप लांच करेंगे।

गौरवगाथा से रूबरू होंगे पीएम

प्रधानमंत्री वीर शैव परंपरा की पांच पीठों में प्रमुख इस खास पीठ में जंगम बाबा की संजीवनी समाधि का पूजन करेंगे और गौरवगाथा से भी रूबरू होंगे। इसमें खास होंगे दुर्लभ ग्रंथ और तमाम दानपत्र जो हिंदू-मुस्लिम शासकों की ओर से अलग-अलग समय में मठ को दिए गए थे। इसमें औरंगजेब, दारा शिकोह, शाहजहां, जहांगीर आदि मुगल शासकों के पत्र तो हैैं ही छठीं शताब्दी में काशी नरेश जयनंदनदेव द्वारा भूदान का राज पत्र भी है।

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Posted By: Satyendra Kumar Singh