JAMSHEDPUR: कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय व झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय के शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल गुरुवार से शुरू हो गई। इसका असर पहले ही दिन से दिखाने लगा। दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद गुरुवार को सभी केजीबीवी व झारखंड बालिका विद्यालयों को खुलना था, लेकिन घाटशिला केजीबीवी को छोड़ कोई विद्यालय खुल नहीं सका। सभी विद्यालयों में ताले लटके नजर आये। इस कारण स्कूल पहुंची छात्राओं को घंटों इंतजार के बाद वापस अपने घर लौटना पड़ा। जमशेदपुर कस्तूरबा व बोड़ाम झारखंड बालिका की बात करें तो यहां सुबह से ताला लटका हुआ था। एक भी कर्मचारी व शिक्षक स्कूल में नहीं था। मेन गेट पर ताला जड़ा हुआ था। इस स्कूल में आने वाली छात्राओं के साथ-साथ अभिभावक भी काफी परेशान दिखे। घंटों इंतजार के बाद वे अपने-अपने घर चले गए। पटमदा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का यही हाल रहा। हालांकि वहां चौकीदार नजर आया, लेकिन वह ड्यूटी पर नहीं था। जो छात्राएं पहुंच रही थीं, उन्हें यहां का गार्ड समझा-बुझाकर अपने घर भेज दे रहा था।

स्कूल का ताला खुलवाया

घाटशिला में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने दोपहर बारह बजे किसी तरह केजीबीवी का ताला खुलवाया और वहां चार शिक्षिकाओं का प्रतिनियोजन किया। यहां स्टोरकीपर स्टोर की चाबी लेकर ही हड़ताल पर चला गया। इस कारण यहां क्00 छात्राओं के लिए दुकान से राशन मंगाकर खाना खिलाना पड़ा। चाकुलिया, मुसाबनी, डुमरिया, गुड़ाबांधा व धालभूमगढ़ के विद्यालय भी बंद रहे। धालभूमगढ़ में विद्यालय कुछ समय के लिए खुला था, लेकिन छात्रों के अभिभावकों ने शिक्षकों के नहीं रहने के कारण बच्चों को वापस ले जाने में ही अपनी भलाई समझी।

ये हैं मांगें

-सभी कर्मियों का सीधा समायोजन एवं नियमतीकरण

-छठे वेतनमान के समतुल्य सभी भत्ता समेत वेतन से संबंधित पत्र जारी करना।

-ईपीएफ, गु्रप बीमा एवं चिकित्सा बीमा की सुविधा।

-ईएल, सीएल समेत सभी सरकारी छुट्टियों को लागू करना।

कई स्कूलों में ताले लटके होने के कारण छात्राओं को वापस जाना पड़ा। हड़ताल का असर तो पड़ा ही है, लेकिन इस हड़ताल के संबंध में विभागीय निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश प्राप्त होते ही इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

-बांके बिहारी सिंह, डीएसई, ईस्ट सिंहभूम

Posted By: Inextlive