कस्तूरबा स्कूल्स से मैथ्स, साइंस लापता
-छात्राओं की पढ़ाई हो रही है प्रभावित, प्रशासन भी शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं
>BAREILLY: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मैथ्स, साइंस, इंग्लिश, कम्प्यूटर जैसे इंपोर्टेट सब्जेक्ट की क्लासेज पर पिछले दो साल से ताला लगा हुआ है, क्योंकि इन सब्जेक्ट्स के टीचर ही नहीं हैं। बिना टीचर छात्राएं पढ़ाई कर जैसे-तैसे पास तो हो जा रही हैं, लेकिन उनकी नॉलेज पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। बावजूद इसके इन स्कूल्स में टीचर्स की तैनाती के बारे में शासन व एजुकेशन डिपार्टमेंट के अफसर सोच ही नहीं पा रहे हैं। डिस्ट्रिक्ट में हैं 18 स्कूल्सडिस्ट्रिक्ट में 18 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। इनमें करीब 1800 छात्राएं पढ़ती हैं। मानक के अनुसार हर स्कूल में नौ टीचर्स होने चाहिए। ताकि छात्राओं को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके, लेकिन इन छात्राओं को टीचर्स की कमी की समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। क्योंकि इन छात्राओं को साइंस, कम्प्यूटर और मैथ्स जैसे सब्जेक्ट को पढ़ाने वाले टीचर्स नहीं हैं। यह हाल तब है जब विभाग ने कई बार टीचर्स भर्ती का प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिली।
लेटर भूला रास्ताशेरगढ़ के निवासियों ने प्रशासन को शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षकों की कमी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में व्याप्त समस्याओं के बारे में बताया था। साथ ही जल्द से जल्द उनके निस्तारण की मांग की थी। हैरत की बात यह है कि प्रशासन यह भूल गया है कि शिकायत का निस्तारण कौन सा विभाग करेगा। उसने बीएसए को भेजने की जगह लेटर डीआईओएस को भेज दिया। डीआईओएस ने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने का हवाला देते हुए शिकायती पत्र को वापस प्रशासन को भेज दिया।
फॉर योर इंफॉर्मेशन बिना टीचर इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई सब्जेक्ट-पूर्णकालिक शिक्षक मैथ्स-10 साइंस-6 इंग्लिश-2 सब्जेक्ट-अंशकालिक शिक्षक मैथ्स-1 विज्ञान-2 कम्प्यूटर-1 शारीरिक शिक्षा-3 उर्दू-4 जल्द ही प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जाएगा। ताकि टीचर्स की तैनाती हो सके। विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि छात्राओं को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलें। चंदना राम इकबाल यादव, बीएसए