कस्तूरबा स्कूल्स से मैथ्स, साइंस लापता
-छात्राओं की पढ़ाई हो रही है प्रभावित, प्रशासन भी शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं
-छात्राओं की पढ़ाई हो रही है प्रभावित, प्रशासन भी शिकायतों को लेकर गंभीर नहीं BAREILLYBAREILLY: कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में मैथ्स, साइंस, इंग्लिश व कम्प्यूटर जैसे इंपोर्टेट सब्जेक्ट्स गुमनामी के अंधेरे में हैं। क्योंकि बीते दो वर्षो से डिस्ट्रिक्ट के ज्यादातर कस्तूरबा विद्यालयों में इन सब्जेक्ट को पढ़ाने वाले टीचर्स की बड़ी कमी है। हाल यह है कि क्लासेज तो लगती हैं, लेकिन गर्ल्स को बिना मास्साब खुद ही पढ़ाई करनी पड़ती है। इसका सीधा असर छात्राओं के रिजल्ट यानि फ्यूचर पर पड़ रहा है। प्रस्ताव से बेरुखीकस्तूरबा विद्यालयों में टीचर्स की कमी को दूर करने के लिए रिक्त पदों पर नई भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन उच्चाधिकारियों की बेरुखी प्रस्ताव पर भारी पड़ गई और उसे मंजूरी नहीं मिल पायी। सनद रहे कि डिस्ट्रिक्ट में क्8 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं। इनमें करीब क्800 छात्राएं पढ़ती हैं। मानक के अनुसार हर स्कूल में नौ टीचर्स होने चाहिए।
मैथ्स की बड़ी प्रॉब्लमइन स्कूलों में सबसे बड़ी प्रॉब्लम मैथ्स सब्जेक्ट को लेकर है। डिस्ट्रिक्ट के क्8 विद्यालयों में महज 8 के पास मैथ्स के टीचर हैं। जबकि, बाकी स्कूल्स में छात्राएं बिना टीचर के ही मैथ्स की उलझन को सुलझाने में जुटी हुई हैं, लेकिन इसका असर उनके रिजल्ट पर पड़ रहा है। बीते साल आए रिजल्ट के बारे में कस्तूरबा विद्यालय क्यारा की वार्डन सीमा का कहना है कि इक्का-दुक्का छात्राओं को छोड़ दें, तो मैथ्स में ज्यादातर के मार्क्स एवरेज ही रहे, जिससे वह सब्जेक्ट में पास हो गई। मार्क्स की यही स्थिति दूसरे सब्जेक्ट्स की भी रही, जिसके टीचर्स नहीं हैं। कमोबेश यह स्थिति डिस्ट्रिक्ट के सभी स्कूल्स में छात्राओं के रिजल्ट की है। इस साल भी रिजल्ट पर टीचर्स के न रहने का असर पड़ना तय है।
पेरेंट्स से कंप्लेन स्कूल में रहकर पढ़ाई कर रही छात्राओं की उम्मीदों पर पानी फिर रहा है, तो उन्होंने इसकी कंप्लेन परिजनों से भी की। ताकि, उन्हें कस्तूरबा से निकाल कर दूसरे स्कूल में एडमिशन करा दें। बेटियों को स्कूल में अच्छी शिक्षा न मिल पाने से परिजन भी चिंतित हैं। स्कूल की वार्डन के पास पेरेंट्स कंप्लेन लेकर भी पहुंच रहे हैं, लेकिन वह शासन स्तर का मामला होने की बात कहकर बेबसी जाहिर कर रही हैं। लेटर भूला रास्ताशेरगढ़ के निवासियों ने प्रशासन को शिकायती पत्र के माध्यम से शिक्षकों की कमी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में व्याप्त समस्याओं के बारे में बताया था। साथ ही जल्द से जल्द उनके निस्तारण की मांग की थी। हैरत की बात यह है कि प्रशासन यह भूल गया है कि शिकायत का निस्तारण कौन सा विभाग करेगा। उसने बीएसए को भेजने की जगह लेटर डीआईओएस को भेज दिया। डीआईओएस ने अधिकार क्षेत्र से बाहर होने का हवाला देते हुए शिकायती पत्र को वापस प्रशासन को भेज दिया।
फॉर योर इंफॉर्मेशन बिना टीचर इन सब्जेक्ट्स की पढ़ाई सब्जेक्ट-पूर्णकालिक शिक्षक मैथ्स-क्0 साइंस-म् इंग्लिश-ख् सब्जेक्ट-अंशकालिक शिक्षक मैथ्स-क् विज्ञान-ख् कम्प्यूटर-क् शारीरिक शिक्षा-फ् उर्दू-ब् जल्द ही प्रस्ताव तैयार करके शासन को भेजा जाएगा। ताकि टीचर्स की तैनाती हो सके। विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि छात्राओं को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलें। चंदना राम इकबाल यादव, बीएसए