ओटीटी प्लैटफॉर्म्स पर लगातार क्राइम थ्रिलर सीरीज की भरमार है। काठमांडू कनेक्शन भी उसमें एक और कड़ी है। सीरीज की कहानी मुंबई बम धमाकों की जांच कर रहे एक अधिकारी की हत्या से शुरू होती है और उसका कनेक्शन सीधा काठमांडू से हैं। छह एपिसोड की यह कहानी मगर कोई थ्रिल क्रिएट नहीं कर पाती है। पढ़ें पूरा रिव्यु

वेब सीरीज : काठमांडू कनेक्शन
कलाकार : अमित सियाल, अक्षा, गोपाल दत्त, प्रतीक मेहता अंशुमान और अन्य
ओटीटी प्लैटफॉर्म : सोनी लिव
निर्देशक : सचिन पाठक
रेटिंग : डेढ़ स्टार

क्या है कहानी
कहानी बॉम्ब ब्लास्ट से शुरू होती है फिर आगे बढ़ती है किडनैपिंग, फिर एक जर्नलिस्ट को ब्लैंक कॉल के साथ-साथ पुलिस, जर्नलिस्ट और गैंगस्टर के ट्रैंगुलर लव स्टोरी के बीच ही उलझती जाती है। कहानी असल घटनाओं से प्रभावित है। एक बड़े अधिकारी की हत्या हो जाती है और उसके तार काठमांडू से क्यों जुड़े हैं। तीन अहम केस हैं। एक ऑफिसर का मर्डर, एक होटलियर की किडनैपिंग और एक पत्रकार से जुड़ी गुत्थी। इसकी पूरी तफ्तीश करने के लिए सामर्थ कौशिक (अमित सियाल ) को काठमांडू। लेकिन क्या वह मास्टर माइंड का पता लगा पाता है। यही इस शो की कहानी है। कहानी 1993 में हुए मुंबई ब्लास्ट के आफ्टर इफेक्ट्स की कहानी है। उसी समय तीन महत्वपूर्ण घटनाएं होती हैं। संदीप गर्ग (विजित सिंह), जो कि इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर है। धर्मेंद्र ( प्रतीक मेहता ) होटलियर है, उसकी किडनैपिंग और शिवानी (अक्षा ) एक पत्रकार है उसका पीछा किया जा रहा है। इसमें सामर्थ सीबीआई ऑफिसर हितेश ( गोपाल दत्त ) लगे हुए हैं और वह घटनाओं के तार जोड़ते काठमांडू पहुंचते हैं। क्या गुत्थी सुलझती है। यह जानने के लिए यह सीरीज देखनी होगी।

क्या है अच्छा
प्लॉट बेहद दिलचस्प चुना गया है। सीरीज के शुरूआती एपिसोड्स अच्छी तरह रोमांच भी बरक़रार रख पाते हैं। कास्टिंग भी अच्छी है, लोकेशन और सिनेमेटोग्राफी भी अच्छी है।

क्या है बुरा
कहानी में हद से ज्यादा भटकाव है। आप पहले से ही अनुमान लगा लेते हैं आगे क्या होना है। इतनी महत्वपूर्ण और असल घटनाओं के साथ डील करते हुए इसे अधिक ड्रामाटिक बनाना मुनासिब नहीं था। तीन कहानियों की बीच पूरी तरह भटकाव है। शीर्षक में कनेक्शन नाम रख लेने भर से दर्शक इससे कनेक्ट बमुश्किल से हो पाएंगे।

अदाकारी
अमित का काम काफी अच्छा है। उन्होंने अपने किरदार में जो मल्टी लेयर हैं, उन्हें अच्छे से निभाया है। श्रवण मिश्रा सुप्रींटेंडेनेट की भूमिका में अनुराग अरोड़ा ने अच्छा काम किया है। गोपाल दत्त ने भी इम्प्रेस। अक्षा और अंशुमान का काम औसत है।

वर्डिक्ट
ये कहानी ख़ास नहीं है, थ्रिलर है ही नहीं। मजेदार नहीं है शो। दर्शक नहीं जुड़ पाएंगे।
Review By: अनु वर्मा

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari