क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ : रांची की पब्लिक नगर निगम के रवैये से परेशान है. एक तरफ सिटी में कचरे का अंबार लगा हुआ है. वहीं दूसरी ओर पानी के लिए वार्डो में हाहाकार मचा हुआ है. इसके बावजूद रांची नगर निगम के अधिकारियों की नींद नहीं खुल रही है. अगर जल्द ही इन समस्याओं का निदान नहीं किया गया तो गंदगी के चलते शहर में महामारी भी फैल सकती है. वहीं पानी नहीं मिलने से लोगों का जीवन जीना मुश्किल हो रहा है.

हफ्तेभर से नहीं उठा कचरा

राजधानी में कचरे का उठान नहीं होने से हजार टन कचरा शहर की सड़कों के किनारे पड़ा हुआ है. अब यह कचरा सड़ने लगा है. इससे बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है. नगर निगम के अनुसार सिटी से हर दिन 500 मीट्रिक टन कचरा निकलता है. लेकिन एक हफ्ते से न तो घरों से कचरा कलेक्ट किया जा रहा है और न ही रोड किनारे से कचरा हटाया जा रहा है. इससे शहर की स्थिति नर्क जैसी बनती जा रही है.

लग रहा जाम, चलना हुआ मुश्किल

शहर में व्यस्त माने जानी वाली सड़कों पर कचरा कई दिनों से पड़ा है. अब आवारा जानवर इस कचरे को रोड पर फैलाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसका खामियाजा पैदल चलने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं कचरा बीच रोड पर फैलने से जाम भी लग रहा है. लेकिन नगर निगम को इसकी कोई परवाह नहीं है.

पानी कम, निकल रहा दम

पानी की किल्लत को देखते हुए टैंकर से पानी की सप्लाई कराने का आदेश दिया गया था. और वार्डो में लगे एचवाईडीटी से भी पानी की सप्लाई करने को कहा गया. लेकिन कई इलाकों में तो एचवाईडीटी फेल हो चुका है. वहीं टैंकर से पानी की सप्लाई भी अब कम हो चुकी है. किसी को बाल्टी भर पानी तो किसी को प्यास बुझाने का पानी मिल पा रहा है. अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों को जार के पानी के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है.

गंदे पानी की सप्लाई से परेशानी

पीएचइडी सिटी में पानी की सप्लाई करता है. लेकिन कई दिनों से लोगों के घरों में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है. इसका इस्तेमाल पीने के लिए तो नहीं किया जा सकता. ऐसे में लोग पानी को छानकर घरेलू काम निपटा रहे हैं. वहीं पीने के लिए बोरिंग और जार का पानी सहारा बना हुआ है. इसके अलावा कई लोग प्यास बुझाने के लिए मिनरल वाटर के सहारे हैं.

Posted By: Prabhat Gopal Jha