-कर्नलगंज, चमनगंज की इमारतें झुकने से सांसे अटक गई थी केडीए ऑफिसर्स की

-12 मीटर से अधिक ऊंची अवैध इमारतों के मालिक, बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर अपने गुनाह छिपाने में लगा केडीए

KANPUR: कर्नलगंज और चमनगंज में म्-म् मंजिला इमारतें गिरने की कगार पर पहुंचने से केडीए ऑफिसर्स की सांसे अटकी हुई है। वे अपने गुनाह छिपाने और आगे कोई हादसा होने पर अपनी गर्दनें बचाने की पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। केडीए ऑफिसर्स ने क्ख् मीटर से अधिक ऊंची बनी अवैध इमारतों के खिलाफ विलफुल क्रिमनल नेग्लीजेंस में मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी की है। ऐसी बिल्डिंग्स की लिस्ट तैयार की जा रही है। इनकी संख्या ख्00 के लगभग बताई जा रही है। फिलहाल आधा दर्जन बिल्डिंग के ओनर, बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्जन कराने के लिए कागजी तैयारी भी पूरी कर ली गई है।

अटक गई थी सांसे, हादसा होता तो गाज तय थी

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह, पहले कर्नलगंज में म् मंजिला रेजीडेंशियल इमारत धंसी। दो ही दिन बाद सैटरडे को प्लाट नम्बर भ् चमनगंज में भी म् मंजिला रेजीडेंशियल बिल्डिंग एकतरफ झुकने लगी है। इससे केडीए ऑफिसर्स की सांसे अटक गई थी। बस उन्हें राहत इस बात से मिली कि कोई बिल्डिंग गिरी नहीं। केडीए ऑफिसर खुद मान रहे हैं कि अगर इन दोनों म्-म् मंजिला इमारतों में से एक भी बिल्डिंग गिरती तो बड़ा हादसा तय था। जान-माल का बड़ा नुकसान होता, प्रदेश में ही देश तक में ये मामला गूंजता है। ऐसे में सबसे पहले केडीए की एनफोर्समेंट टीम ही नहीं अन्य ऑफिसर्स पर गाज गिरना तय था। क्योंकि हादसे के बाद सबसे पहले यही सवाल उठते कि फ्0 स्क्वॉयर मीटर से भी कम एरिया में ये म्-म् मंजिला इमारतें कैसे बन गई? इन खतरनाक इमारतों को बनने से क्यों नहीं रोका गया? केडीए ने सीलिंग, ध्वस्तीकरण आदि कार्रवाई क्यों नहीं की ?

कभी भी हो सकते बड़े हादसे

कर्नलगंज और चमनगंज में बड़े हादसे जरूर टल गए हैं। पर ऐसी घटनाएं शहर में कभी भी हो सकती हैं, जिनमें जान माल का भारी नुकसान भी हो सकता है। क्योंकि घनी आबादी वाले श्रीनगर, प्रेमनगर, दादामियां चौराहा, तकिया पार्क , सईदाबाद, हुमायूंबाग, इफ्तिखाराबाद, बकरमंडी, नाला रोड, चमनगंज, कर्नलगंज, बेकनगंज, अनवरगंज, बांसमंडी, मेस्टन रोड, नई सड़क, जनरलगंज सहित सिटी के कई मोहल्लों में सैकड़ों की संख्या में खतरनाक हाईराइज बिल्डिंग्स अवैध रूप से तन चुकी हैं। 7-7 मंजिल तक तन चुकी इन बिल्डिंग्स में न तो भूकम्परोधी तकनीकि अपनाई गई है और न ही स्ट्रक्चरल सेफ्टी व अन्य सेफगार्ड का जरा सा भी ख्याल रखा गया है। इससे आप खुद ही अन्दाजा लगा सकते है कि बगैर आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर की देखरेख के बनी इन इमारतों का तूफान या भूकम्प आने पर क्या हश्र होगा? फ्0-फ्0 स्क्वॉयर मीटर से भी कम एरिया में बनी इन खतरनाक इमारतों के मैप पास होने, बिल्डिंग बाईलॉज का पालन किए जाने की उम्मीद करना बेमायने ही है। घनी आबादी वाले मोहल्ले में बनी इमारतें आसपास के मकानों के लिए भी बड़ा खतरा बन चुकी हैं। कर्नलगंज और चमनगंज में इमारतें झुकने के बाद पहुंचे नगर निगम, केडीए, एडमिनिस्ट्रेशन के ऑफिसर्स खुद मान रहे थे कि अगर एक भी बिल्डिंग गिरती तो आसपास बने कई मकान नेस्तनाबूद हो जाते।

गुनाह छिपाने में लगा केडीए

इसी वजह से अब केडीए ऑफिसर बड़ी-बड़ी अवैध इमारतें शहर में बन जाने के अपने गुनाह छिपाने में लगे हुए हैं। वे अवैध रूप से बन चुकी फ् मंजिला से अधिक ऊंची इमारतों के खिलाफ कड़ी कागजी कार्रवाई की तैयारी में जुटे हुए है। जिससे कि अगर भविष्य में कोई अवैध इमारत गिरे तो उनके पास बचने के लिए बहाना हो। इसीलिए उन्होंने क्ख् मीटर से अधिक ऊंची बनी बिल्डिंग्स को चिन्हित कर उनके ओनर्स, बिल्डर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी की है। केडीए अब इन लोगों के खिलाफ विलफुल क्रिमनल नेग्लीजेंस के तहत मुकदमा दर्ज कराने जा रहा है। जिससे कि भविष्य में अगर कर्नलगंज, चमनगंज जैसी कोई अवैध इमारत गिरे तो उनके जुर्म छिप सके। केडीए सोर्सेज का कहना है कि अवैध रूप से इन मोहल्लों में 7-7 मंजिल तक तन चुकी इन इमारतों में से ज्यादातर में केडीए ने पूर्व में निर्माण कार्य रोकने की नोटिस तक जारी नहीं की थी।

पुलिस रिसीव न करें तो रजिस्डर्ड डाक से

कर्नलगंज और चमनगंज की झुकी इमारतों में पुलिस ने एफआईआर की अप्लीकेशन रिसीव न करने के आरोप केडीए ने लगाए थे। इस समस्या से बचने के लिए केडीए ने दूसरा रास्ता अख्तियार किया है। रजिस्टर्ड डाक से केडीए ने अप्लीकेशन भेजने की तैयारी की है। इसी कड़ी में रजिस्टर्ड डाक से अनवरगंज थाना पुलिस को बेबिस कम्पाउंड में नौशाद और पप्पू के अलावा बासमंडी में अवैध निर्माण को लेकर मो। फारूक और अली को लेटर भेजा है। केडीए के असिसटेंट इंजीनियर योगेश कुमार ने बताया कि क्ख् मीटर अधिक अवैध इमारत बनाए जाने पर केडीए ने तोपखाना मेस्टन रोड के महबूब, सवाई सिंह का हाता के ह्रदयनारायण व गोविन्द अग्रवाल, मायापुरी केडीए कॉलोनी के दानिश मिर्जा, डिफेंस कॉलोनी के आरिफ, बांसमंडी के सुल्तान के खिलाफ विलफुल क्रिमनल नेग्लीजेंस के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा रही है। ऐसी चिहिन्त की गई सभी बिल्डिंग के ओनर, बिल्डर के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जा रही है। केडीए के जोन-क् के एनफोर्समेंट टीम के ऑफिसर मनोज मिश्रा ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग को छोड़कर भूखंडीय विकास के अ‌र्न्तगत अधिकतम तीन मंजिल ही आवासीय निर्माण किया जा सकता है। स्टिल्ट के साथ इनकी अधिकतम ऊंचाई क्ख्.भ् मीटर व स्टिल्ट को छोड़कर क्0.भ् मीटर से ज्यादा नहीं हो सकती है।

Posted By: Inextlive