RUDRAPRYAG (JNN) : आपदा के बाद बरबाद हो गया गौरीकुंड से केदारनाथ तक का पैदल रूट अब जल्द ही नए लुक में नजर आएगा। जिला प्रशासन ने इसे चौड़ा करने के लिए डीपीआर तैयार कराने की शुरुआत कर दी है। साथ ही इस रूट पर जहां-जहां भूस्खलन के चलते खतरा बढ़ा हुआ है, वहां भी ट्रीटमेंट कराने की तैयारी की जा रही है।

क्भ् किलोमीटर का है पैदल रूट

गौरीकुंड से केदारनाथ तक का पैदल सफर पंद्रह किमी लंबा है। यह सफर देश-विदेश से भोले बाबा के दर्शन को आने वालों भक्तों के लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होता। खड़ी चढ़ाई का यह सफर काफी कठिन होता है। घोड़े, खच्चर भी इसी मार्ग से गुजरते हैं, लेकिन कई स्थानों पर मार्ग संकरा होने से स्थिति काफी खतरनाक हो जाती है। कई यात्री पैदल मार्ग पर घोडे़, खच्चरों की आवाजाही के दौरान टक्कर से घायल भी हो जाते हैं। आपदा के बाद यह मार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है।

शासन को भेजी जाएगी डीपीआर

अब इस मार्ग को दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन डीपीआर तैयार कर शासन को स्वीकृति के लिए भेज रहा है। इसमें मार्ग को चौड़ा किया जाएगा। इसकी चौड़ाई चार मीटर तक होगी। कई स्थानों पर डेंजर व स्लाइडिंग जोन पर ट्रीटमेंट किया जाएगा। मार्ग पर कई स्थानों पर नीचे की ओर रेलिंग तक नहीं बनी है, जो कि दुर्घटना का कारण भी बन जाता है। पूर्व में इस मार्ग को लोक निर्माण विभाग ऊखीमठ देख रहा था, लेकिन अब कार्य जिला आपदा प्रबंधन प्रधिकरण की ओर से किया जाएगा।

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यह है योजना

- चार मीटर अतिरिक्त चौड़ा होगा मार्ग

- यात्रियों के लिए हर क्00 मीटर पर बनेंगे रेन शेल्टर

- घोडे़, खच्चरों के पीने के लिए पानी की होगी व्यवस्था

- शासन को मार्च महीने में भेजी जाएगी डीपीआर

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डेंजर जोन

गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव, घिनुरपाणी, जंगलचट्टी, भीमबलि, लिनचोली, केदारनाथ बेस कैंप से पहले

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केदारनाथ पैदल मार्ग को चौड़ा करने के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है, जिसे शीघ्र स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा।

-डॉ। राघव लंगर, जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग

Posted By: Inextlive