बाबा केदार के कपाट गुरुवार ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए खुल गए. इस यात्रा के दाैरान तीर्थयात्रियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं.

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RUDRAPRAYAG:
बाबा केदार के कपाट गुरुवार (आज) ग्रीष्मकालीन यात्रा के लिए खुल गए. बाबा की उत्सव डोली गाजे-बाजों के साथ बुधवार को केदारपुरी पहुंची. उत्सव डोली के केदारनाथ पहुंचने से पहले गौरीकुंड में रात्रि प्रवास के बाद मंगलवार सुबह केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी केदार ¨लग ने पंचमुखी मूर्ति को भोग लगाया और पूजा अर्चना की. बुधवार सुबह लगभग 8 बजे गौरीमाई के दर्शन कर डोली केदारनाथ के लिए रवाना हुई, देर शाम उत्सव मूर्ति केदारपुरी पहुंची. रास्ते भर भक्तों ने फूलमालाओं से उत्सव डोली का स्वागत किया.

केदारनाथ मंदिर में पूजा कार्यक्रम
प्रात:कालीन विशेष पूजा- तड़के 3 से 6 बजे तक

सांयकालीन आरती व पाठ - सुबह 7 से 8 बजे तक

भोग चढ़ाने का समय - दोपहर 3 से 4 बजे तक

सामान्य दर्शन का समय - सुबह 6 से दोपहर 3 बजे

- शाम 4 से 7 बजे तक
-ये हैं विशेष इंतजाम
6000 श्रद्धालु रुक सकेंगे केदारपुरी में
- 2000 घोड़े-खच्चरों की व्यवस्था सामान और श्रद्धालुओं के लिए
- 50 पालकी भी उपलब्ध यात्रियों के लिए

10 मई को खुलेंगे तृतीय केदार के कपाट
पंचकेदारों में से तीसरे केदार तुंगनाथ धाम के कपाट 10 मई को खोले जाएंगे. कपाट खुलने की प्रक्रिया बुधवार से ही शुरू हो गई. तुंगनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल मक्कूमठ मंदिर के गर्भ ग्रह से तुंगनाथ की डोली को सभामंडप में विराजमान किया गया है. स्थानीय ग्रामीणों ने डोली के श्रृंगार के बाद पारंपरिक पकवानों का अ‌र्घ्य अर्पित किया और डोली भूतनाथ मंदिर के लिए रवाना हुई. गुरुवार डोली चोपता व शुक्रवार 10 मई की सुबह तुंगनाथ मंदिर परिसर पहुंचेगी. ठीक 12 बजे पारंपरिक विधि विधान के साथ तुंगनाथ के कपाट खोले जाएंगे और डोली मंदिर में विराजमान की जाएगी.

 

Posted By: Ravi Pal