चुनाव प्रचार के आख़िरी दिन राहुल गांधी के रोड शो के कुछ ही देर बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी समाजवादी रंग में रंगे हुजूम के साथ बनारस की सड़कों पर उतरे.


शनिवार सुबह से ही बनारस की सड़कों का रंग बदलता दिखा. सुबह जब बनारस वासी उठे तो सड़कें खाली थीं, लेकिन जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया, सड़कों पर सफेद टोपियां पहने कांग्रेस समर्थकों का सैलाब उतर आया.दोपहर होते-होते चिलचिलाती धूप से बचने के लिए जब लोगों ने अपने-अपने घरों की पनाह ली, तो सड़कों ने फिर से अपना रंग बदलना शुरू किया.प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी की ओर से यह पहली और आख़िरी कोशिश थी.अखिलेश का रोड शो मलदहिया से शुरू होकर गोदौलिया पर ख़त्म हुआ और इस बीच कई जगह सपा समर्थकों ने फूल माला पहनाकर अखिलेश यादव का स्वागत किया.बनारस में शनिवार को जहां एक तरफ पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, तो सियासी सरगर्मी भी अपने उफ़ान पर रही.खुली जीप में लाल रंग की नेहरू टोपी पहने अखिलेश यादव पार्टी नेताओं के साथ रोड शो किया.


 मोदी को इजाज़त न देने के ख़िलाफ़ भाजपा का धरनामोदी पर निशानाअखिलेश के पिता और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव बनारस से सटे अपने चुनावी क्षेत्र आजमगढ़ में ध्यान केंद्रित किए हुए हैं, इसलिए अखिलेश प्रदेश में पार्टी की धार को मजबूत करने में जुटे हैं.

समीक्षक अनुमान लगा रहे हैं कि बनारस में मोदी के ख़िलाफ़ आप और कांग्रेस के उम्मीदवार ही प्रमुख रूप से चुनौती पेश कर रहे हैं. इसलिए मुलायम सिंह की पार्टी के लिए यह सम्मान का भी सवाल बन गया है.सपा उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई थी.इस रोड शो में मोदी, केजरीवाल और राहुल के मुकाबले कम भीड़ दिखी, जोकि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की लोकप्रियता घटने का एक संकेत भी है.शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल का जब रोड शो हुआ तो भी लोगों की भारी भीड़ देखी गई और जब शनिवार को राहुल गांधी का रोड शो हुआ तो उसमें भी भारी भीड़ देखी गई.इससे यह कह पाना बहुत मुश्किल लगने लगा है कि यहां किसका पलड़ा भारी है और 16 मई को ईवीएम से बनारस का कौन सा रंग दिखेगा.बनारस में आम चुनावों के अंतिम चरण में सोमवार को मतदान होना है. चुनावों के नतीजे 16 मई को आएंगे.

Posted By: Subhesh Sharma