जनता का मिजाज देश के राजनीतिज्ञों के बयानों से भी ज्‍यादा उलझाने वाला है. तभी तो एक हालिया सर्वे में जब दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 100 दिन के काम काज और प्रधानमंत्री मोदी के एक साल के बाद के हाल चाल पर तथ्‍य इकठ्ठे किए गए तो पता चला कि अंतरकलह और विवादों से जूझती आप सरकार का कामकाज दिल्‍ली वालों को भा रहा है और लोकप्रियता के मामले में मोदी आगे नजर आ रहे हैं.

हाल में एक निजी चैनल ने गैर सरकारी संस्था के साथ मिल कर एक सर्वे करवाया और उसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आप सरकार के कार्यकाल में उनके कामकाज पर राय मांगी गयी पता चला कि 59 प्रतिशत लोगों को केजरीवाल का काम पसंद आया है और उन्होंने उसे सराहा है. जबकि ऐसा लग रहा था कि अंतर कलह और हर जगह विवादों में घिरी आप अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है.  केवल 41 प्रतिशत को लगता है कि उनका काम सही नहीं है. सर्वे में दिल्लीवासियों ने कहा कि कलह और विवादों में रहने के बावजूद केजरीवाल ने अपने वादों को काफी हद तक पूरा किया है और उन्होंने जनता से कोई झूठ नहीं बोला. हां फ्री वाई फाई को लेकर उनको कुछ शिकायतें जरूर हैं.
मोदी असफल पर लोकप्रिय
लोगों की नजर से 100 दिन के काम की तुलना करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केजरीवाल की तुलना में कम कामयाब बताये गए हैं. लेकिन लोकप्रियता में वे उनसे आगे हैं. मोदी को अपना हीरो मानने वाले लोगों का प्रतिशत 44 है जबकि केजरीवाल को 41 प्रतिशत लोगों ने अपनी पहली पसंद बताया है.  यानि लोकप्रियता मोदी की ज्यादा है.
बिहार में फेल नमो फैक्टर
इस सर्वे के अनुसार बिहार में नहीं चल सकेगा मोदी का जादू. सर्वे की रिर्पोट बताती है कि बिहार में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों का बोलबाला है और वो भाजपा को बड़ा झटका देने वाले हैं. आंकड़े बताते हैं कि लालू नितिश और कांग्रेस के गठबंधन को इन चुनावों में करीब 127 सीट्स मिलने के चांसेज हैं जो पूएर्र बहुमत से ज्यादा है जबकि भाजपा और उसके सहयोगियों को 112 सीट्स पर ही जीत मिलने की बात सामने आ रही है.

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Posted By: Molly Seth