73वें स्वतंत्रता दिवस का उत्सव पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी स्वतंत्रा दिवस पर छठी बार लाल किले से राष्ट्र को संबोधित कर रहे हैं। यहां पढ़ें पीएम के बीते सालों के भाषण के मुख्य अंश...


कानपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक बार फिर लालकिले पर ध्वजारोहरण कर रहे हैं। यह छठवां अवसर है जब आजादी के पर्व पर पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित भी कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने पहली बार 68वें स्वतंत्रता दिवस 2014 में देश की जनता को संबोधित किया था।लोकतंत्र में आपको बात करने के लिये पूरा अधिकार व पूरी व्यवस्था है
72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश वासियों काे संबोधित करते हुए कहा था कि गरीबों को लूटकर के तिजोरी भरने वाले लोग आज भी चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं और उससे मेहनतकश और ईमानदार व्यक्ति का भरोसा बढ़ता है। आज माहौल बना है कि ईमानदारी का महोत्सव मनाया जा रहा है और बेईमानी के लिए सिर छुपाने की जगह नहीं बच रही है। ये काम एक नया भरोसा देता है। वहीं आतंकवाद के खिलाफ किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी। आतंकवादियों को बार – बार हमने कहा है कि आप मुख्यधारा में आइये भारत के लोकतंत्र में आपको बात करने के लिये पूरा अधिकार है, पूरी व्यवस्था है। मुख्यधारा ही है जो हर किसी के जीवन में नई ऊर्जा भर सकती है।सबका साथ-सबका विकास, हमें देश को नई ऊंचाइयों की तरफ ले जाना है 71वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम ने देश को आगे ले जाने की बात कही थी। पीएम ने कहा था कि हमारा मंत्र रहा है ‘सबका साथ, सबका विकास’। कोई भेदभाव नहीं, कोई अपना-पराया नहीं। मैं आज फिर एक बार इस तिरंगे झंडे के नीचे खड़े रह करके, लालकिले की प्राचीर से कोटि-कोटि देशवासियों को उन संकल्पों को दोहराना चाहता हूं, उन संकल्पों का उद्घोष करना चाहता हूं, जिसके लिए हम अपने-आपको खपा देने के लिए तैयार हैं। रिश्वत लेने वालों पर कार्रवाई बड़ी कठोर हो रही है। लगभग तीन लाख संदिग्ध कंपनियों पर ताले लग चुके हैं, उनके डायरेक्टरों पर पाबंदियां लगा दी गई। आज हमने प्रक्रियाओं को transparent बनाने के लिए online प्रक्रिया चालू कर दी है।  लाखों समस्याएं हैं तो सवा सौ करोड़ मस्तिष्क भी हैं जो उनका हल निकालेंगे


70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम ने कहा था कि देश के सामने समस्याएं अनेक हैं, लेकिन ये हम न भूलें कि अगर समस्याएं हैं तो इस देश के पास सामर्थ्य भी है और जब हम सामर्थ्य की शक्ति को लेकर के चलते हैं, तो समस्याओं से समाधान के रास्ते भी मिल जाते हैं। भारत के पास अगर लाखों समस्याएं हैं तो सवा सौ करोड़ मस्तिष्क भी हैं जो समस्याओं का समाधान करने का सामर्थ्य भी रखते हैं।आज आधार कार्ड को सरकारी योजनाओं के साथ जोड़कर सीधे लाभ देने पर हम बल दे रहे हैं। हमने कानूनों के जंजालों की सफाई का भी काम आरंभ किया है। हमनें करीब 1700 ऐसे कानून निकाले हैं। पौने 1200 करीब already Parliament के द्वारा उसको निरस्त कर दिये हैं। भारत में गरीब मजदूर के प्रति देखने का जो रवैया वो हमें शोभा नहीं देता

69वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि हमारे देश का मजदूर, हमने योजना बनाई श्रमेव जयते। भारत में गरीब मजदूर के प्रति देखने का रवैया हमें शोभा नहीं देता है। हम कोई कोट, पैंट, टाई पहना हुआ महापुरूष मिल जाए, लम्बा कुर्ता जैकेट पहन करके कोई महापुरूष मिल जाए तो खड़े होकर उसका बड़ा अभिवादन करते हैं लेकिन कोई ऑटो-रिक्शा वाला आ जाए, कोई पैडल रिक्शा वाला आ जाए, कोई अखबार बेचने वाला आ जाए, कोई दूध बेचने वाला आ जाए, इन गरीबों के प्रति हमारा देखने का भाव ठीक नहीं है। इस कमी को सवा सौ करोड़ देशवासियों ने अपने मन के संकल्प से मिटाना है। जिनके कारण हम अच्छे दिखते हैं उससे बड़ा हमारा कोई हितैषी नहीं होता है। यह देश राजनेताओं, शासकों और सरकारों ने नहीं नौजवानों ने बनाया है 68वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम के रूप में मोदी का यह पहला भाषण था। इस दाैरान उन्होंने कहा था कि मेरे शब्दों पर भरोसा कीजिए, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। अब तक किए हुए पापों को, उस रास्ते को छोड़ें, सद्भावना, भाईचारे का रास्ता अपनाएं और हम देश को आगे ले जाने का संकल्प करें। मुझे विश्वास है कि हम इसको कर सकते हैं। यह देश राजनेताओं और शासकों ने नहीं बनाया है। सरकारों ने भी नहीं बनाया है, यह देश हमारे किसानों ने बनाया है, हमारे मजदूरों ने बनाया और नौजवानों ने बनाया है। अब भारत अलग-थलग, अकेला एक कोने में बैठकर अपना भविष्य तय नहीं कर सकता। विश्व की आर्थिक व्यवस्थाएं बदल चुकी हैं और इसलिए हम लोगों को भी उसी रूप में अच्छे से सोचना होगा।साभार : वेबसाइट पीएमइंडिया

Posted By: Shweta Mishra