केजीएमयू में जांचों की दरें होंगी कम, एसजीपीजीआई से अधिक नहीं होगा शुल्क
- 4200 से अधिक बेड
- 7000 की ओपीडी रोजाना - 300 से अधिक डिस्चार्ज और एडमीशन रोजाना - 390 बेड - 250 से 300 मरीज रोजाना आते है - 120 से 150 रोजाना भर्ती -कुल 26 जांचों के रेट कम करने पर बनी सहमति -सभी विभागों में एक समान होंगे शुल्क -जल्द जारी होगा आर्डर, मरीजों को कुछ में राहत तो बड़ी संख्या में जांचों के रेट बढ़ेंगे sunil.yadav@inext.co.inLUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी व ट्रॉमा सेंटर में इलाज कराने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। केजीएमयू प्रशासन अब दो दर्जन से अधिक पैथोलॉजी जांचों के रेट कम करने की तैयारी में है। हालांकि बड़ी संख्या में जांचों के रेट बढ़ाने की भी तैयारी है। दो दिन पूर्व सीएमएस की अध्यक्षता में विभागाध्यक्षों की मौजूदगी में हुई हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। वीसी की अनुमति मिलते ही बड़ी संख्या में जांचों की दरें 50 से 100 रुपए तक कम हो जाएंगी।
एसजीपीजीआई से अधिक थे रेटकेजीएमयू के अधिकारियों के अनुसार पिछले कुछ समय में कई जांचों की दरें बहुत तेजी से बढ़ाई गई हैं। जिनमें से करीब 26 जांचें की कीमतें संजय गांधी पीजीआई से भी अधिक कर दी गई। यानी पीजीआई में वही जांचें सस्ती हैं। डॉ। राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भी इन जांचों की दरें कम हैं। इसके बाद सीएमएस की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मंगलवार को हुई बैठक में जांच शुल्क को रिवाइज करने का निर्णय लिया है।
काफी कम होंगी दरें केजीएमयू अधिकारियों के सूत्रों के अनुसार करीब 26 जांचें अब तक ऐसी मिली हैं जिनके रेट एसजीपीजीआई से अधिक हैं। यह दरें 50 से 100 रुपए प्रति टेस्ट या उससे भी अधिक हैं। इन सभी में कमी की जाएगी और जांच दरें पीजीआई के बराबर करने पर सहमति बनी है। वहीं बहुत बड़ी संख्या में पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांचों के रेट पीजीआई से कम हैं। जबकि केजीएमयू में सैलरी से लेकर सुविधाएं तक सब पीजीआई के बराबर हैं। ऐसे में केजीएमयू प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सभी जांच दरें पीजीआई के बराबर कर दी जाएं। इससे कुछ जांचें कम होने के साथ ही कई के रेट काफी अधिक बढ़ना तय हैं। सभी विभागों में एक समान रेटकेजीएमयू में वर्तमान में करीब 4200 से अधिक बेड हैं। जिनमें करीब 4000 से अधिक मरीज हर समय भर्ती रहते हैं। केजीएमयू में 68 मेडिकल और 9 डेंटल के विभाग हैं। इनमें से 50 से अधिक विभाग क्लीनिकल हैं। जहां पर मरीजों का इलाज होता है और मरीज भर्ती किए जाते हैं, लेकिन विभिन्न डायग्नोसिस की जांचें अलग अलग विभागों में अलग अलग हैं। सीएमएस डॉ। एसएन शंखवार ने बताया कि सभी विभागों में जांच दरों में एकरूपता लाई जाएगी। उदाहरण के तौर पर एक्स रे कई विभागों में होते हैं, लेकिन कहीं चार्ज 100 और कहीं 200 रुपए है।
कोट कुछ जांचों के शुल्क रिवाइज किए जा रहे हैं। रेट एसजीपीजीआई से अधिक नहीं होंगे और सभी विभागों में एक समान होंगे। डॉ। एसएन शंखवार, सीएमएस, केजीएमयू