- अब तक फ्लाप रहा है अर्बन हॉट में सजा खादी ग्रामोद्योग का मेला

- दुकानदार बोले, प्रशासन बुला तो लिया, लेकिन मेले का प्रचार प्रसार तक नहीं किया

- अब तक फ्लाप रहा है अर्बन हॉट में सजा खादी ग्रामोद्योग का मेला

- दुकानदार बोले, प्रशासन बुला तो लिया, लेकिन मेले का प्रचार प्रसार तक नहीं किया

BAREILLYBAREILLY :

आए थे गांधी की खादी का मेला सजाने, लोगों को छोडि़ए अफसर तक झांकने नहीं आए। अब तो कमाई छोडि़ए, यहां तो रोटियों के भी लाले पड़ गए हैं। यह कहना है अर्बन हॉट में सजी खादी ग्रामउद्योग प्रदर्शनी में अपने हुनर का प्रदर्शन करने आए खादी के हुनरमंदों का। जिला खादी ग्रामोद्योग की इस प्रदर्शनी का 8 जनवरी को इनॉग्रेशन होने के बाद इसमें उतने कस्टमर भी नहीं आए, जितनी इसमें दुकाने हैं। कई दुकानदारों को तीन दिन से बोहनी का इंतजार है। फ्राइडे को दैनिक जागरण आईनेक्टस टीम ने जब दुकानदारों का हाल जाना तो उनका दर्द छलक पड़ा। बोले, खादी ग्रामोद्योग ने बुला तो लिया लेकिन उन्होंने मेले का कोई प्रचार प्रसार ही नहीं किया। इससे बरेली वालों को मेले की जानकारी तक नहीं हुई और कस्टमर्स भी नहीं आ रहे। प्रचार तो छोडि़ए पीने के लिए पानी और टॉयलेट तक के इंतजाम भी पूरे नहीं हैं।

शॉप अलॉट, लेकिन नहीं पहुंचे व्यापारी

एक्सपो में कई कई शॉप पर फ्लैक्स वैनर और शॉप नम्बर अलॉट हैं। लेकिन दुकानें नहीं सजीं। शॉप खाली पड़ी हैं। पूछने पर अफसरों ने बताया कि बात तो फोन पर हुई थी, लेकिन दुकान लगाने वाले मेले में आ नहीं पाए। शॉप लगाने की बात होने के बाद ही शॉप अलॉटकर नम्बर दिए गए थे। इसीलिए फ्लैक्स लगे हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें प्रशासन ने बुलाया। लेकिन वह मेले में पहुंचे ही नहीं। अब ऐसे में वह कुछ नहीं कर सकते हैं। उनकी तरफ से सभी को मैसेज दिया था।

प्रचार प्रसार तक नहीं किया

दरअसल शासनादेश को बरेली के अफसर नकार तो नहीं सके, लेकिन शासनादेश की औपचारिकता मेला लगाकर जरूर पूरी कर दी। पर मेले का प्रचार प्रसार तक नहीं किया। प्रचार के नाम पर अर्बन हॉट के मेन गेट पर एक फ्लैक्स लगा दिया। मेले का प्रचार प्रसार न होने से लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं मिली और कस्टमर्स ही नहीं पहुंच रहे हैं। इस बात को अफसर भी मान रहे हैं कि प्रचार प्रसार नहीं किया गया।

पीने के लिए तीन दिन का बासा पानी

जिला खादी ग्रामोद्योग ने मेला तो लगवा दिया, लेकिन दुकान लगाने वालों को बेसिक सुविधाएं तक नहीं दीं। मेले के इनॉग्रेशन के दिन 8 जनवरी ट्यूजडे को नगर निगम ने पानी का टैंकर खड़ा किया था और फ्राइडे तक उसका पानी चेंज ही नहीं किया। पूरे मेला परिसर में सिर्फ एक टॉयलेट है और इसकी शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।

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ये कहना है दुकान वालों का

भूरज ग्रामोद्योग सेवा समिति : फ् दिन में भ्00 की बिक्री

भूरज ग्रामोद्योग सेवा समिति की ओर से हरदोई से मेले में पहुंचे जुगल किशोर ने बताया कि वह हरदोई से भ् हजार रुपए किराया खर्च करके मेले में आए हैं। तीन दिन हो गए लेकिन सिर्फ भ् सौ रुपए की बिक्री हुई है जबकि वे फ्0 प्रतिशत का डिस्काउंट भी दे रहे हैं। मेले में कस्टमर्स ही नहीं आ रहे हैं। ब्भ् साल से खादी का काम कर रहे जुगल ने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा खराब अनुभव इस बार हुआ। पिछली बार जब यहां आए थे तो साढे़ चार लाख की बिक्री हुई थी। सबसे अधिक बिक्री के लिए उन्हें पुरस्कृत भी किया गया था। इस बार जो बिक्री हुई, वह तीन टाइम के खाने पर ही खर्च हो गई।

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लेदर प्रोडक्ट शॉप: तीन दिन में कुछ नहीं बिका

कृष्णा ग्रामोद्योग संस्थान लखीमपुर से मेले में अपना माल बेचने आए लोकेन्द्र शुक्ला ने बताया कि तीन दिन में अभी तक एक रुपए तक की बिक्री नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि वह रांची में थे। बुलाने पर यहां आए। लखीमपुर से बरेली आने तक भ् हजार से अधिक किराया लग गया। यहां पर खाने में ही दो हजार रुपए खर्च हो गए, लेकिन अभी तक एक रुपए का कोई सामान नहीं बिका है। मेले में इंतजाम के नाम पर न तो टॉयलेट हैं और न ही पीने के पानी का इंतजाम है। अफसर भी मेला लगवाने के बाद दोबारा झांकने तक नहीं आए।

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सिल्क साड़ी शॉप : इससे अच्छा तो नहीं आता

इज्जतनगर से मेले में पहुंचे केके दुबे ने बताया कि वह सिल्क की क्ख्9 साडि़यां लेकर यहां आए हैं। इसके अलावा तौलिया, गमछा सहित चादरें भी लाएं है। लेकिन एक रुपए की बिक्री तक नहीं हुई। तीन दिन से एक्सपो में बैठा हूं। ब्0 से भ्0 प्रतिशत का डिस्काउंट देने के बाद भी कोई कस्टमर देखने तक नहीं आया। यहां पर टाइम खराब किया। दिन में कस्टमर तो दूर अफसर तक घूमने नहीं आते।

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शहद शॉप: तीन दिन एक रुपए की िबक्री नहीं

शहर मेंहवाई अड्डा के रहने वाले शहद व्यापारी सुशील कुमार ने बताया कि वह तीन दिन से शॉप पर खाली बैठे हैं। लेकिन एक रुपए की बिक्री नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि बस एक दिन और इसके बाद वह अपना समान समेट कर घर चले जाएंगे। शहर के लोगों को ही नहीं पता कि खादी का कोई एक्सपो भी लगा है। ऐसे में कस्टमर्स कहां से आएंगे।

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नेशनल हैंडीक्राफ्ट एक्सपो के लिए सिर्फ फ् लाख बजट आया है। इसीलिए उतना ही बजट खर्च किया जा सकता है। प्रचार प्रसार पर कितना खर्च कर देते। शॉप ओनर्स की कोई प्रॉब्लम है तो उसे दूर किया जाएगा। हम शॉप ओनर्स से मिले हैं उनकी समस्या सुनी हैं।

प्रदीप कुमार, जिला खादी ग्रामोद्योग अधिकारी

Posted By: Inextlive