Agra;रेलवे फाटक 502 और 503 पर असावधानी के चलते 80 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. थर्सडे को भी 503 फाटक पर शताब्दी की चपेट में आ जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. रेलवे की सेफ्टी-सिक्योरिटी में ढील होने के चलते ये दोनों फाटक मौत के फाटक बन गए हैं.


दिल्ली-मुंबई रूट पर हैं फाटकदोनों रेलवे फाटक व्यस्त रूट नई दिल्ली-आगरा-मुंबई पर हैं। इसमें रेलवे फाटक 503, 502 की डिस्टेंस भी ज्यादा नहीं है। दोनों फाटक पर आए दिन किसी न किसी की मौत होती रहती है।बंद हैं फाटकफिलहाल यह दोनों रेलवे फाटक बंद हैं। इसके बावजूद शॉर्ट कट के चक्कर में लोग इनसे होकर अपनी मंजिल तक पहुंच रहे हैं। 503 फाटक सिकंदरा-बोदला, आवास विकास एरिया को कनेक्ट करता है। इसके अलावा एनएचटू को भी कनेक्ट करता है। इस शॉर्ट कट के चक्कर में लोग यह मौत का रास्ता चुन लेते हैं। लग जाता है ब्रेक


इस ट्रैक पर तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन भी खतरे में हैं। जब कोई ट्रैक पर ट्रेन के नीचे आता है, इस कंडीशन में ट्रेन ड्राइवर इमरजेंसी ब्रेक लगाते हैं। जिसमें ट्रेन का पलटने का भी खतरा रहता है। इन बातों से बेखबर लोग व्हीकल लेकर बंद फाटक पर पहुंच जाते हैं।कमजोर है सेफ्टीफाटक पर होने वाली मौत की एक वजह यहां की सेफ्टी और सिक्योरिटी का कमजोर होना है। फाटक पर तैनात गार्ड सिर्फ आते-जाते वक्त फाटक का बूम गिरा देता हैं, ट्रेन जाने के बाद उसे दोबारा उठा देता है, लेकिन इस बीच कई जल्दी-जल्दी के चलते गिरे बूम से ही निकलते रहते हैं।

थर्सडे को भी हुआ हादसाथर्सडे मार्निंग यहां एक व्यक्ति और मौत के गाल में समा गया। रेलवे फाटक 503 पर शताब्दी की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर आरपीएफ राजा की मंडी मौके पर पहुंची। रेलवे फाटक को रेलवे खत्म कर रहा है। इसकी जगह रेल अंडर और ओवर ब्रिज बनाए जा रहे हैं। इसके चलते होने वाली घटनाएं खत्म हो जाएंगी।-डीके मौर्या, डीएससीआगरा डिवीजन, कैंट

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