अमरीका के बोस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय छात्र के शेषाद्रि राव की संदिग्ध हालात में होने वाली मौत के मामले में शहर की पुलिस को कई सुराग मिले हैं. लेकिन अभी जांच जारी है. पुलिस ने इस मामले में अभी किसी को गिरफ़्तार भी नहीं किया है.


पुलिस विभाग के प्रवक्ता जेम्स केनीली ने बीबीसी को बताया,"इस मामले में लगे पुलिस के जासूसों को कई सुराग हाथ लगे हैं औऱ वह उनके बारे में जांच कर रहे हैं. जिस इलाके में यह घटना हुई है वह खासा सुरक्षित इलाका है और इस तरह की घटना उस इलाके में कम ही होती है. लेकिन इस घटना की जांच जारी है."लेकिन पुलिस अभी यह नहीं बता रही है कि शेषाद्रि राव की मौत के लिए उसे किसी पर शक है या नहीं. इसका भी कोई खुलासा नहीं किया गया है कि इस मामले में पुलिस को किस प्रकार के सुराग मिले हैं.
संदिग्ध हालात चौबीस वर्षीय शेषाद्रि राव का बेजान शरीर 19 अप्रैल को स्थानीय समयानुसार तड़के करीब तीन बजे बॉस्टन के ऑलिस्टन इलाके में उनके घर के ही बाहर सड़क पर संदिग्ध अवस्था में पाया गया था. यह इलाका बोस्टन विश्वविद्यालय के कैंपस से कोई  एक मील दूर पड़ता है.मौके पर पुलिस के पहुंचने के समय बोस्टन अग्निशमन विभाग के कर्मचारी युवक का प्राथमिक उपचार कर रहे थे.लेकिन पुलिस के मुताबिक शेषाद्रि राव के सर पर गहरी चोट के निशान थे और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी.अब पुलिस इस मामले के हर पहलू की जांच कर रही है.अपील


आम लोगों से भी अपील की गई है कि अगर उनके पास इस बारे में कोई जानकारी हो तो वह पुलिस को सुचित करें. जानकारी देने वाले की पहचान को गुप्त रखने का भी पुलिस आश्वासन दे रही है. इस मामले में उत्तरी अमरीका में सक्रिय एक भारतीय मूल की संस्था तेलूगू एसोसिएशन ऑफ अमेरिका के सदस्य भी शेषाद्रि राव के परिवार वालों से संपर्क बनाए हुए हैं.पुलिस के मुताबिक शेषाद्रि के सर पर गहरी चोट के निशान थे और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी.इस संस्था के मुरथी कानेगन्ती बताते हैं कि वह भी इस मामले में और जानकारियां इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे हैं. वह कहते हैं, "पुलिस तो अपने हिसाब से काम कर ही रही है लेकिन हम लोग भी अपने तौर पर शेषाद्रि राव के दोस्तों से पूछने की कोशिश करेंगे कि यह हादसा कैसे हुआ और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं."'असाधरण' छात्र

शेषाद्रि राव बॉस्टन विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट स्कूल में गणित फाईनेंस के प्रतिष्ठित कोर्स के पहले वर्ष के छात्र थे. इस कोर्स के लिए हर वर्ष 1,000 से अधिक लोग आवेदन भरते हैं लेकिन सिर्फ़ 50 छात्रों को ही प्रवेश मिलता है. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता कोलिन राईली ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, "शेषाद्रि राव एक असाधारण छात्र थे. जिस कोर्स में वह पढ़ाई कर रहे थे उसमें बहुत कम छात्रों को प्रवेश मिलता है. उनकी इस तरह के हालात में अचानक मौत से हम बहुत  चकित हैं और बेहद दुखी हैं. हमारी संवेदनाएं राव परिवार के साथ हैं. यह एक दिल तोड़ने वाली त्रासदी है. "इस बीच शेषाद्रि राव के शव को भारत ले जाने के लिए भी कोशिशें हो रही हैं. न्यू यॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्यदूत इस मामले में बॉस्टन विश्विद्यालय और बॉस्टन पुलिस विभाग से संपर्क बनाए हुए हैं और उनके साथ मिलकर शव को भारत भेजने के लिए आवश्यक कारवाई पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं.
इस मामले में बॉस्टन विश्वविद्यालय ने शव को भारत भेजने में आने वाले करीब 15 हजार डॉलर का खर्च उठाने की भी पेशकश की है.लेकिन तेलुगू संस्था के मुरथी कानेगन्ती कहते हैं कि लाश को सोमवार से पहले बॉस्टन से भारत भेजे जाने के  आसार नहीं हैं. जिसका मतलब है कि शेषाद्रि राव का शव शायद मंगलवार से पहले भारत नहीं पहुंच पाएगा. पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम और इस मामले में अन्य औपचारिक्ताएं पूरी करने के बाद ही पुलिस शव को भारत ले जाने की इजाज़त  देगी.

Posted By: Bbc Hindi