पुरुलिया में हथियार कांड के मुख्य अभियुक्त किम डेवी को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मामले में डेनमार्क की अदालत ने याचिका नामंज़ूर कर दी है. यानी अब डेवी को भारत प्रत्यर्पित नही किया जा सकेगा.


इसे सीबीआई के लिए धक्का माना जा रहा है। हालांकि किम डेवी के प्रत्यार्पण के मामले में सीबीआई की कोई भूमिका नहीं है। ये मामला किम डेवी और डेनमार्क की सरकार के बीच है। सीबीआई ने इस मामले में सहयोग के लिए एक टीम भेजी है।डेनमार्क हाईकोर्ट में ये मामला किम डेवी लेकर गए हैं। उन्होंने अपने आपको भारत प्रत्यर्पित करने के डेनमार्क सरकार के फ़ैसले को चुनौती दी थी।इससे पहले डेनमार्क सरकार ने दो शर्तों के आधार पर किम डेवी भारत को प्रत्यर्पित करने की मंज़ूरी दी थी। एक तो ये कि किम डेवी को फाँसी नहीं दी जाएगी और दूसरे अगर उन्हें सज़ा दी जाती है तो वे ये सज़ा डेनमार्क में काटेंगे। लेकिन किम डेवी ने सरकार के इस फ़ैसले को अदालत में चुनौती दे दी थी।
वर्ष 1995 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हथियार गिराए जाने के मामले की जाँच भारत के केंद्रीय जाँच एजेंसी (सीबीआई) ने की थी।हालांकि हाईकोर्ट का फ़ैसला अंतिम फ़ैसला नहीं है क्योंकि फ़ैसला चाहे जो भी आए डेनिश क़ानून के अनुसार दोनों पक्षों को सुप्रीम कोर्ट में दोनों साइड को एक मौका और मिलेगा

Posted By: Inextlive