शनिवार को बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस को लेकर भारतीय स्‍टेट बैंक के नेतृत्‍व में 17 बैंकों ने उनकी परिसंपत्‍तियों की बिक्री करने का फैसला किया है। नीलामी के कारण के बारे में बताया गया कि इसके जरिये किंगफिशर से करीब आठ हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि का कुछ हिस्सा वसूला जा सकेगा। ये वह बकाया राशि है जिसका जनवरी 2013 से भुगतान नहीं हो सका है।

ऐसी है जानकारी
बता दें कि एयरलाइंस की परिसंपत्तियों की नीलामी 7 दिसंबर को होनी है। इस नीलामी में विमानन कंपनी के उपकरण और चल परिसंपत्तियों को शामिल किया जाएगा। इस संपत्ति में मुंबई के किंगफिशर हाउस और गोवा के किंगफिशर विला को भी शामिल किया गया है। अब एयरलाइंस की दोनों परिसंपत्तियों पर बैंकों ने अपना पूरा कब्जा कर लिया है।
नोटिस में कहा गया ऐसा
बैंकों की ओर से शनिवार को जारी नोटिस में कहा गया कि विमानन कंपनी को ऋण देने वाले कंसोर्टियम की सुरक्षा न्यासी एसबीआई कैप ट्रस्टी ने कहा कि वह कंपनी की कारों, टोइंग मशीनों, फोर्कलिफ्ट, ट्रैक्टर, अग्निशामक और लोहे की सीढ़ियों आदि को नीलाम करेगी। यहां बताना जरूरी होगा कि एसबीआईकैप ट्रस्टी, एसबीआई की शाखा है, जिसने 65 लाख रुपये आरक्षित मूल्य तय किया है और कहा है कि किंगफिशर की नीलामी आगामी 7 दिसंबर को की जाएगी।
ऐसे हुई एयरलाइंस की शुरुआत
बैंकों की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि नीलामी के लिए पंजीकरण की आखिरी तारीख 2 दिसंबर निश्चित की गई है। पुराने पन्नों पर गौर करें तो सामने आता है कि शराब कारोबारी विजय माल्या ने मई 2005 में बड़े जोर-शोर के साथ किंगफिशर एयरलाइंस की शुरुआत की थी। शुरुआत के बाद कभी भी एयरलाइंस मुनाफा नहीं कमा पाई।

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Posted By: Ruchi D Sharma