संगम की रेती पर अखाड़ा तैयार कर रहा लोगों को जोड़ने की तैयारी

नार्थ ईस्ट व जम्मू कश्मीर के किन्नर समाज तक फैलेगी अखाड़ा की शाखाएं

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PRAYAGARAJ : त्रिवेणी संगम की रेती पर लगने वाले भव्य कुंभ में प्रवेश कर चुके किन्नर अखाड़ा ने अपने विस्तार पर चर्चा शुरू कर दी। किन्नर अखाड़ा की ओर से संगम से अखाड़ा के विस्तार के लिए देश के विभिन्न प्रदेशों में किन्नर समाज के साथ ही अन्य लोगों को जोड़ने की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो रही है। विशेष रूप से अखाड़ा की ओर से नॉर्थ ईस्ट के प्रदेशों के साथ ही जम्मू और कश्मीर के किन्नर समाज के लोगाें के लोगों एकजुट करके अखाड़े से जोड़ना है। इससे अखाड़ा के बारे में अधिक से अधिक किन्नर समाज के लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा सके और उनको अखाड़ा का हिस्सा बनाया जा सके।

बताएंगे सनातन धर्म में समाज का महत्व

किन्नर अखाड़ा का विस्तार करने के साथ ही समाज के लोगों को किन्नरों के बारे में जानकारी देंगे। किन्नर अखाड़ा प्रमुख आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी महाराज ने बताया कि किन्नर समाज को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां आज भी मौजूद हैं। जबकि सनातन धर्म में किन्नर समाज की व्याख्या और वर्णन कई जगह है। किन्नर समाज के लोग अपने आराध्य देव भगवान शिव के नटराज रूप को मानते है। ऐसे में अखाड़ा का यह कर्तव्य है कि वह समाज के लोगों को किन्नर समाज के बारे में विस्तार से जानकारी दें और उनके मन के रहस्यों का उद्घाटन करें। इससे आम लोग किन्नर समाज के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र कर सकें। इसके साथ ही सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में भी किन्नर समाज की अहम भूमिका को लेकर प्रयास किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive