Patna: देश की पहली वुमन आईपीएस सोशल एक्टिविस्ट मैग्सेसे अवार्ड विनर के साथ कई और अचीवमेंट्स हैं डॉ. किरण बेदी की. उनकी बातें मीडिया की सुर्खियां तो बनती ही हैं बच्चों के बीच वो सबसे अधिक पॉपुलर हैं.


किरण बेदी ने students को दिए success tipsलगभग एक साल के बाद बुधवार को डॉ। बेदी पटना में थीं और एक बार फिर बच्चों के बीच ही। कॅरियर में सक्सेस पाने के गुर समझाने के दौरान उन्होंने ओवर ऑल डेवलपमेंट की बात भी की। एकेडमिक, स्पोट्र्स, सोसायटी और सिस्टम, डॉ। बेदी ने स्टूडेंट्स से हर सेक्टर में परफेक्ट होने की बात कही। उन्होंने कहा कि सक्सेस सिर्फ पैसे से नहीं आंका जा सकता। रियल सक्सेस वही है, जब आप पैसे कमाने के साथ कैरेक्टर को स्ट्रांग रखें। उन्होंने कहा कि पैसा कमाना बहुत अच्छा है, लेकिन उसका तरीका भी उतना ही इंपॉर्टेंट है।इंटरेस्ट के हिसाब से चुनें कॅरियर


डॉ। बेदी ने कहा कि कॅरियर का सेलेक्शन एक बड़ा काम है, लेकिन आसान भी। आपको उसी सेक्टर में कॅरियर बनाना चाहिए जहां आपका मन लगे। सिर्फ पैसे या दूसरी चीज के लालच में पड़ कर कॅरियर का सेलेक्शन कभी सही नहीं है। इसके लिए दूसरी तैयारियों के साथ आपका इंटरेस्ट भी बेहद इंपॉर्टेंट है, ताकि आगे चलकर रिग्रेट ना हो। उन्होंने कहा कि हमेशा फस्र्ट, सेकेंड और थर्ड च्वाइस लेकर चलें। जब पहली च्वाइस में कॅरियर ना मिले तो दूसरी या तीसरी में कॅरियर ग्रो करने की राह ढूंढे।नींव 90 का फॉर्मूला

इंडिविजुअल डेवलपमेंट के बारे में डॉ। बेदी ने स्टूडेंट्स को नींव 90 का फार्मूला मानने को कहा। उन्होंने बताया कि फेस सिर्फ 10 परसेंट है, इंटरनल सोल 90 परसेंट है। इसलिए इंटरनल सोल का फिट और पॉजिटिव होना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि मैं शुरू से ही गवर्नमेंट सर्विस में जाना चाहती थी, क्योंकि मुझे सेवा करना अच्छा लगता था। इसी मुताबिक मैंने पढ़ाई की और आगे बढ़ी। खेलने में भी इंटरेस्ट था, जिसे मैंने जारी रखा। उन्होंने कहा कि सोसायटी एक ही फार्मूला जानती है, या तो पढ़ाई या खेल। लेकिन मैंने एकेडमिक्स और टेनिस दोनों में स्कॉलरशिप ली।आने वाला वक्त बिहारियों का है डॉ। बेदी पटना आई तो उन्होंने बिहार और बिहारियों पर भी खूब बातें की। बिहार में डेवलपमेंट पर खुश होने के साथ उन्होंने बताया कि बिहारियों में एक चीज खास है, वो है मेहनत करने की आदत। एक वक्त जब बिहार में जॉब्स और बिजनेस नहीं थे तो यूपीएससी पर धावा बोला। लगातार बड़ी संख्या में यूपीएससी में सेलेक्ट होते रहे। आने वाले दिनों में देश भर में सबसे सीनियर ऑफिसर्स में मैक्सिमम बिहारी ही होंगे।स्पोट्र्स के बिना नहीं बनती आईपीएस

डॉ। बेदी देश की पहली वुमन आईपीएस हैं, लेकिन इसमें स्पोट्र्स का बड़ा रोल रहा है। डॉ। बेदी ने बताया कि शुरू से ही आईपीएस बनना था। एकेडमिक मेरा स्ट्रांग रहा है और मैं पास भी हो गयी। लेकिन अगर स्पोट्र्स पर्सन ना होती तो ट्रेनिंग एकेडमी में टिकना मुश्किल हो जाता। स्पोट्र्स का बेनेफिट हुआ और मैं कहीं भी कम ना रही। जो लोग भी स्पोट्र्स बैकग्राउंड से नहीं जाते उन्हें थोड़ी मुश्किल तो आती ही है।Dr। Bedi says follow these Keep your base strong - किसी भी सेक्टर में सक्सेस के लिए बुनियाद का मजबूत होना जरूरी है। बुनियाद के साथ खिलवाड़ से ना बिल्डिंग टिक पाती है और ना ही सक्सेस। Choose your leader - डॉ। बेदी ने सिस्टम बदलने के लिए एक्टिव पार्टिसिपेशन को तवज्जो दी। उन्होंने कहा कि सभी को वोट करना चाहिए और वो भी वोट फॉर एजुकेशन एंड डेवलपमेंट।Start with your village - कुछ बदलने की इच्छा हो तो सबसे पहले अपने गांव के स्कूल, डिस्पेंसरी से करनी होगी। अगर ऐसा हुआ तो सोसायटी का रियल डेवलपमेंट होगा। Don't quit - आज टेक्नोलॉजी की कमी नहीं है। हालांकि जरूरी नहीं कि हर जगह सक्सेस मिले। रेस में भाग लेने से मेडल पक्का नहीं होता। एक रेस नहीं जीते तो आगे प्रयास करें।

 

 

Posted By: Inextlive