Kiran Bedi to form youth brigade
* यूथ मूवमेंट के लिए क्या यूथ ब्रिगेड बनाने की आपकी तैयारी है?
(चौंकते और मुस्कुराते हुए) क्या यूथ बिग्रेड? हां, यूथ ही तो किसी देश के डेवलपमेंट के फाउंडेशन होते हैं। यूथ की पावर के बिना कुछ इमेजिन करना मुश्किल है। हमलोग आंदोलन के जरिए लोगों को यही तो मैसेज दे रहे हैं कि 'जागते रहो' इसमें यूथ भी शामिल है। हां, पर्टिकुलर यूथ ब्रिगेड बनाने की भी पहल की जा सकती है. * यूथ नेशन बिल्डिंग में कैसे कांट्रीब्यूट कर सकते हैं?
उन्हें अपने एजुकेशन, कैरेक्टर बिल्डिंग और स्किल डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। क्योंकि अनइंम्प्लॉयड और अनहेल्दी यूथ, हेल्दी नेशन का निर्माण नहीं कर सकते। यूथ में अनलिमिटेड एनर्जी होती है, वे लीड कर सकते हैं मगर उनकी एनर्जी को सही डायरेक्शन में चैनेलाइज करने की जरूरत है.
* लीडरशिप के लिए यूथ किसकी तरफ देखें?
हमारी कंट्री में पास्ट से लेकर प्रेजेंट डे तक ऐसे लीडर्स हैं, जिनसे यूथ इंस्पीरेशन ले सकते हैं। यहां मैं लाल बहादुर शास्त्रीजी का एक्जामपल देना चाहूंगी। जब वे देश के प्राइम मिनिस्टर बने थे तब ऑफिस जाते हुए उनकी वाइफ ने उनकी फटी हुई शर्ट को देखकर कहा कि देश का पीएम फटी शर्ट पहनेगा तो लोग क्या कहेंगे? उन्होंने जवाब दिया था शर्ट के उपर पहनने के लिए कोर्ट है न। ऐसे पॉलिटिशियन्स से यूथ को इंस्पीरेशन लेनी चाहिए। फिर हमारी स्पिरिचुअल पावर भी है यूथ को गाइड करने के लिए। यूथ कैरेक्टर बिल्डिंग के लिए विवेकानंद को पढ़ सकते हैं.
मेरा फोकस एजुकेशन था इसलिए आज भी मैं एजुकेशन से जुड़ी हूं् । मैंने लॉ किया, पीएचडी और डी। लिट भी किया है। मैं बुक लिखती हूं और न्यूजपेपर में रेग्यूलरली कॉलम लिखती हूं। मेरी पूरी लाइफ एजुकेशन के लिए डोनेटेड है। हमें अपने माइंड हंगर को एजुकेशन से फीड करना चाहिए। मेरा मानना है कि यूथ को कम्यूनिटी सर्विस भी करना चाहिए। मैं 14 साल की उम्र में रेड क्रॉस सोसायटी की वॉल्यून्टियर थी। एनसीसी सर्विस के द्वारा भी कम्यूनिटी सर्विस की है। कम्यूनिटी सर्विस और स्पोटर्स को एजुकेशन को पार्ट होना चाहिए।
* इंडियन यूथ में क्या पोटेंशिएल देखती हैं?
इंडिया में यूथ की पॉपुलेशन अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा है। अगर अपने आपको सही तरीके से प्रिपेयर करें तो पूरे वल्र्ड को ह्यूमन रिर्सोस प्रोवाइड कर सकता है। मगर इसके लिए हमें बहुत कुछ करने की जरूरत है। हमारे यहां सिर्फ 500 यूनिवर्सिटीज हैं जबकि जापान में 5000. इंडिया में 5000 पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं तो चीन में 5 लाख, इसलिए वहां का हर इंसान स्क्ल्डि है। हमें भी यूथ की स्किल ट्रेनिंग की डिमांड पूरी करनी होगी.
उन्हें प्लानिंग करनी चाहिए और अपने इंटरेस्ट के एकॉर्डिंग सब्जेक्ट लेना चाहिए।
sumita.jaiswal@inext.co.in