-महंगाई ने उठाया सिर बिगड़ा किचन का बजट

-सब्जी के साथ अब दाल के दाम ने भरी उड़ान

-उरद 50 रुपये तो अरहर दाल 10 रुपये किलो तक हुई महंगी

दाल खाना किसे पसंद नहीं है। आम हो या खास दाल सबकी थाली में होती है। पर इस समय दाल के भाव ने इसे गरीबों की थाली से दूर कर दिया है। इधर बीच उरद 40 से 50 रुपये तो अरहर दाल 10 रुपये किलो तक महंगी हो गयी है। यही नहीं मसालों में भी महंगायी की मिर्च लग गयी है। सब्जी, दाल और मसालों के दाम में आ रही तेजी की वजह से गृहणियों को किचन चलाना मुश्किल हो गया है।

बारिश ने उरद को डुबाया

कई सालों बाद इस बार अच्छी बारिश हुई। अन्य फसलों के लिए ये बारिश सोना बरसी पर उरद के लिए विलेन साबित हुई। कई दिनों की बारिश के चलते खेत में ही उरद की फसल सड़ गयी। जिसका खामियाजा किसानों के साथ ही आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। कम उपज के चलते उरद के दाम आसमान छूने लगे हैं। रसोई घर में अगर महंगाई का तड़का ऐसे ही लगता रहा तो गरीबों की पहुंच से उनका मुख्य भोजन दाल, रोटी, प्याज गायब हो जाएगा।

गल्ला मंडी के व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र में फसल बर्बाद होने की वजह से सभी तरह के दाल के भाव में उछाल आया है, लेकिन सबसे महंगी उरद, धोई उरद और मसूर की दाल है। इस समय सोयाबीन की डिमांड भी बढ़ गयी है।

सब्जी भी नहीं कर रही रहम

महंगाई की मार सिर्फ दाल पर ही नहीं है। सब्जी भी रुला रही है। लहसुन, प्याज और हरी सब्जी खरीदने में भी लोग अपने बजट को देख रहे हैं। बाजार में प्याज जहां 60 से 70 रुपए वहीं लहसुन का दाम 200 रुपये किलो के पार है। सब्जी की तो पूछिए मत। टमाटर हो या बैगन या फिर साग व मूली हर किसी का दाम हाई है।

हो रही जमाखोरी

प्याज के नाम पर मार्केट में खेल भी चल रहा है। आशंका है कि दाम बढ़ाने के लिए जमाखोरी की जा रही है। फुटकर कारोबारी महंगाई का हौव्वा दिखाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। वहीं लहरतारा स्थित दाल फैक्ट्री में भी उरद व अन्य दालों की डपिंग की जाने से भी उरद दाल के दाम बढ़ गये हैं।

दलहन के दाम पर एक नजर

दाल पुराना रेट नया रेट

अरहर 85-90 90-95

मूंग 90-95 100-110

मूंग छिलका 120-125 135-140

उरद 70-80 120-130

उरद छिलका 100-105 115-20

धोइया 95-100 130-135

मसूर 60-70 80-90

मसूर गोटा 70-75 80-85

प्याज 50-55 60-70

उरद की फसल खराब होने के कारण दाम बढ़ रहा है। अभी और तेजी की आशंका है। हालांकि अरहर के पीछे महंगाई की मार कही जा सकती है। उरद के दाल की डपिंग होने से रेट भाग रहा है।

शशांक साहू, व्यापारी- विशेश्वरगंज मण्डी

पब्लिक पहले ही महंगी प्याज और सब्जी से परेशान है और अब दाल के बढ़ते रेट से किचन का बजट बिगड़ गया है। सरकार को महंगाई की चिंता नहंी है।

रीता श्रीवास्तव, टीचर

सरकार पहले ही सब्जी के बढ़ते भाव को कंट्रोल नहंी कर पा रही है। अब दाल के दाम में लगी आग ने किचन की व्यवस्था चौपट कर दी है।

किर्ति गुप्ता, गृहणी

अब समझ नहीं आ रहा कि क्या बनाएं और क्या खाएं। बढ़ती महंगाई ने किचन का बजट पूरी तरह से बिगाड़ कर रख दिया है। सब्जी के बाद अब दाल भी महंगी हो गयी है।

शीला, गृहणी

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सरकार का ध्यान सिर्फ अन्य राज्यों में सरकार बनाने में लगा है। लोअर व मिडिल क्लास फैमिली को दो वक्त का भोजन कैसे मिले इस पर जरा भी ध्यान नहीं है।

मीना देवी

Posted By: Inextlive