पतंग उत्सव बन गया मातम
- पतंग उत्सव में प्रशासन की लापरवाही से टूटी 21 जीवन की डोर
PATNA : फ्0 हजार लोग। और महज छोटी-बड़ी क्भ् नावें। नतीजा प्रशासन की बदइंतजामी ने उत्सव को मातम बदल दिया। सैकड़ों लोगों से भरी नाव पलट गई और ख्क् लोग काल के गाल में समा गए। ये सब हुआ शनिवार को गंगापार सबलपुर दियारा में। यहां पतंग उत्सव के दौरान राजधानी के कोने-कोने से लोग जुटे थे। गंगा पार जाने के लिए लोगों के बीच आपाधापी मची थी। कोई किसी की नहीं सुन रहा था। आलम यह था कि एक नाव पर ख्0 लोगों की जगह क्00 से अधिक लोग सवार थे। इसके बाद जो हुआ उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। क्या हुआ? गांधी घाट के पास दो नावें गंगा में डूब गई। इसमें क्00 से अधिक लोग पानी में डूब गए। देर रात तक ख्क् लाश नदीं से निकाली गई।कैसे हुआ?
नाव की क्षमता ख्0 लोगों को ले जाने की थी। इसमें क्00 से अधिक लोग सवार हो रहे थे। नाव का संतुलन बिगड़ा तो कुछ लोग नाव से कूदने लगे और हादसा हो गया। क्या हादसे से बच सकते थे?हां। प्रशासन ने अपनी तरफ से पुलिस बल की व्यवस्था की थी। उन्हें लोगों को नाव में बैठने से रोकना चाहिए था। प्रशासन को पता था कि इतने लोग आने वाले हैं तो अतिरिक्त नावों की व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी।
सरकार ने क्या किया? - घटना की जांच के निर्देश दिए गए। - स्वास्थ्य विभाग के सचिव को घायलों के समुचित इलाज के लिए निर्देश दिए। - मृतकों को ब्- ब् लाख का मुआवजा दिया गया। - अब दियारा में कोई भी पब्लिक इवेंट नहीं होगा। किसने क्या कहा दियारा नाव हादसा सरकार की लापरवाही का नतीजा। हादसे के जो दोषी हैं उनपर कार्रवाई हो। - जीतनराम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री मैं हादसे के शिकार हुए लोगों के दु:ख में उनके साथ हूं। जो भी अधिकारी दोषी हों उनपर कार्रवाई की जाए। - अशोक चौधरी, शिक्षा मंत्री सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता के कारण हुई घटना। सरकार सिर्फ अपनी ब्रांडिंग में लगी है। - नंदकिशोर यादव, बीजेपी नेता मैं इस घटना पर शोक व्यक्त करता हूं। इस घटना में दोष तय होना चाहिए। रविशंकर सिंह, केंद्रीय मंत्री आंखों देखीमैं उस वक्त घटना स्थल पर मौजूद था। भीड़ काफी अधिक थी और उसे कंट्रोल करने के लिए पुलिस बल कम पड़ रहा था। शाम में म् बजे के बाद भी लोग दियारा घाट पर ही थे, जबकि प्रशासन को चाहिए था कि उन्हें शाम ढलने से पहले ही वापस ले आया जाए। शाम में लोग वापस आने को आतुर थे और वहां से नाव ओवरलोड होकर आ रही थी। यह पूरी तरह लापरवाही का मामला है।
- शिशिर राय, प्रत्यक्षदर्शी